- पार्टियों की तरफ से प्रत्याशियों के नाम घोषित होने के बाद और गर्म हुई चुनावी चर्चा

- पब्लिक के बीच विकास, गुंडागर्दी जैसे मुद्दों के बाद नोटबंदी का मुद्दा भी चर्चा का विषय

स्थान - डी ब्लॉक गोविन्दनगर

विधानसभा - किदवईनगर

विधायक - अजय कपूर

खास बात - ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र

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शहर की दसों विधानसभाओं में सभी राजनीतिक दलों ने लगभग टिकट फाइनल कर दिए हैं, इसी के साथ अब हर गली-मोहल्ले में उम्मीदवारों के चाल-चरित्र के साथ उनके कार्यो के बारे में भी बहस शुरू हो गई है। लोग अपने-अपने तर्क देकर यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जिस प्रत्याशी का वे नाम ले रहे वहीं क्षेत्र का विकास करा पाएगा। एक बात और कि इस बार हर मतदाता सोच समझकर वोट देगा। खैर परिणाम कुछ भी हो, किसी भी दल की सरकार बने, लेकिन इस वक्त पब्लिक के बीच में तो लोग अपनी-अपनी सरकार बनाने में लगे हुए हैं।

'चाय पे चर्चा' कराने के लिए मंडे को आई नेक्स्ट का काफिला किदवईनगर विधानसभा क्षेत्र के डी ब्लॉक गोविन्दनगर इलाके में पहुंचा। यहां 40 साल पुरानी राकेश टी स्टाल पर लोग चाय की चुस्कियों के साथ पॉलिटिक्स का ज्ञान उड़ेलने में लगे हुए थे। बात चल रही थी विकास कार्यो की, बस फिर क्या था एक साथ कई लोग बोल पड़े कि इस बार विकास के नाम पर ही वोट पड़ेंगे।

चर्चा को विषय देने के लिए आई नेक्स्ट ने सवाल किया कि कौन से मुद्दे ऐसे हैं जिनको दिमाग में रखते हुए इस बार लोग वोट करेंगे? कोई बोलता इसके पहले ही गिरधर बाजपेई ने जवाब दिया कि प्रदेश में जो गुण्डागर्दी का माहौल है उसका पूरा जवाब लोग इस बार देंगे। टिंकू वर्मा बीच में ही बोले कि विकास के दावे का कितना समर्थन है ये वोटिंग के बाद मालूम चलेगा। इस बात का समर्थन विकास दुबे और मुकेश तिवारी ने किया।

जाति-संप्रदाय के नाम पर नहीं

चर्चा के बीच में सवाल आया कि इस बार कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी? केतन तिवारी सबसे पहले बोले कि दावा चाहे कोई कितना करे लेकिन ये लिख कर रख लो कि इस बार सरकार विकास के आधार पर बनेगी। प्रकाश सिंह चौहान भी इससे सहमत दिखे। आशू दुबे ने भी हामी भर दी। हरिशंकर सिंह बोले कि हर किसी को विकास चाहिएं। गोपाल दीक्षित ने कहा कि भइया एक बात समझ लो इस बार प्रदेश में अच्छा होगा।

नौकरी मिले युवाओं को

बात आ गई सपा के चुनाव घोषणा पत्र पर तो आलोक पाण्डेय बोल पड़े कि युवाओं को जो बहुत कुछ फ्री में देने का वादा किया गया है, वह एकदम गलत है। सुनील दीक्षित ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के साधन बनाए जाएं बाकी सब चीजें वे अपनी मेहनत से धन कमा कर खरीद लें। शिब्बू सिंह और संदीप जायसवाल ने कहा कि मेहनत से कमाई का मजा कुछ अलग है, युवा सिर्फ रोजगार चाहता है और कुछ नहीं। डीएन पाण्डेय ने कहा कि पिछली बार सपा सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा खोखला निकला। तभी केतन तिवारी बोले कि भइया सपा और कांग्रेस का गठबंधन हो गया है, यह तो वही बात हुई कि चोर-चोर मौसेरे भाई। अरे भाई गोपाल दीक्षित बोले एक तरफ अखिलेश दावा कर रहे हैं कि दुबारा सरकार बनाएंगे दूसरी तरफ कांग्रेस से गठबंधन कर यह दिखा दिया कि सरकार बनाने के मामले में वे खुद कॉन्फिडेंट नहीं हैं।

नोटबंदी भी मुद्दा

अरे कोई नोटबंदी की भी बात कर लो। बोले विप्लव वाष्र्णेय, अरे यार नोटबंदी से तो एक नए युग की शुरूआत हुई है। ये भी एक बड़ा मुद्दा है। जिनके पास अनाप-शनाप ब्लैकमनी थी वहीं इस कदम से रो रहे हैं, आम जनता तो इस फैसले से बहुत खुश है। गिरधर बाजपेई बोले इतना जान लो कैशलेस व्यवस्था भ्रष्टाचार पर हथौड़े की तरह है। अगर हमको विकसित देशों के बराबर होना है तो इस व्यवस्था को अपनाना पड़ेगा।