-पिछले चुनाव में आए थे 44 हेलीकॉप्टर, इस बार महज तीन ही पहुंचे

-एयरपोर्ट पर नहीं दिख रही सरगर्मी, रेगुलर विमानों से ट्रेवेल करने को प्रेफरेंस दे रहे नेता

<-पिछले चुनाव में आए थे ब्ब् हेलीकॉप्टर, इस बार महज तीन ही पहुंचे

-एयरपोर्ट पर नहीं दिख रही सरगर्मी, रेगुलर विमानों से ट्रेवेल करने को प्रेफरेंस दे रहे नेता

 

सिर्फ चार पार्टियों ने बुक कराए हेलीकॉप्टर

विधानसभा चुनाव ख्0क्ख् में विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने प्रदेश की सीटों में दौरे के लिये ब्ब् हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया था। इसमें से सपा और बीजेपी के सबसे ज्यादा हेलीकॉप्टर व चार्टर्ड प्लेन थे। जबकि, वर्ष ख्007 के विधानसभा चुनाव में ब्भ् हेलीकॉप्टर या चार्टर्ड प्लेन बुक किये गए थे। गौरतलब है कि सिंगल इंजन वाले हेलीकॉप्टरों की बुकिंग 80 हजार से क्.ख्0 लाख रुपये प्रतिघंटा की दर से होती है। जबकि डबल इंजन वाले हेलीकॉप्टर के लिये एयरलाइंस कंपनिया क्.भ्0 से ख्.ख्भ् लाख रुपये प्रति घंटा की दर से चार्ज करती हैं। इस बार केवल चार हेलीकॉप्टर ही बुक हुए हैं। इन हेलीकॉप्टर्स की डिटेल एयरपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन को अब तक मुहैया नहीं कराई गई है। हालांकि सूत्रों की मानें तो इनमें से एक हेलीकॉप्टर सपा, एक बीजेपी, एक बीएसपी और एक राष्ट्रीय लोकदल का बताया जाता है।

 

चुनाव आयोग भी कर रहा निगरानी

चुनावी खर्चो पर अपनी पैनी नजर बनाए चुनाव आयोग ने आयकर विभाग से हर पार्टी की हेलीकॉप्टर की उड़ान को लेकर रिपोर्ट मांगी है। खास बात यह है कि विभाग को यह रिपोर्ट प्रति दिन के हिसाब से देनी है। सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग के इस रुख को भी हेलीकॉप्टर व चार्टर्ड प्लेन की कम बुकिंग के लिये जिम्मेदार माना जा रहा है।