- केन्द्र सरकार दे रही सस्ता राशन, राज्य भी करें सहयोग

- यूपी में भूख से लोगों के मरने की घटनाओं पर जताई चिंता

- केवल दाल के बढ़े दाम, जल्द करेंगे कंज्यूमर एक्ट में बड़े बदलाव

LUCKNOW: केन्द्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार गरीबों के लिए सस्ता राशन मुहैया करा रही है। यूपी सरकार इसमें एक धेला भी खर्च नहीं करती है। राज्यों को भी इसमें एक-दो रूपये की मदद करनी चाहिए। झारखंड सरकार ने इसकी पहल की है। केन्द्र यदि तीन रूपये किलो चावल और दो रूपये किलो गेहूं दे सकता है तो राज्य सरकार अपनी तरफ से इसे और सस्ता या मुफ्त करके गरीबों को राहत पहुंचा सकती हैं। यूपी और बिहार में भूख से लोगों की मौत के मामले चिंता की बात हैं। हम तीन महीने का एडवांस राशन देने को तैयार है ताकि किसी की भूख से मौत न हो।

कंज्यूमर एक्ट में करेंगे बदलाव

विकास पर्व में हिस्सा लेने रविवार को राजधानी आए पासवान ने बताया कि केन्द्र सरकार जल्द ही कंज्यूमर एक्ट में कई अहम बदलाव करने जा रही है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इसके बाद लोग मोबाइल से भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। जिला स्तर पर शिकायत राशि की सीमा को बीस लाख से बढ़ाकर एक करोड़ और राज्य स्तर पर एक करोड़ से बढ़ाकर दस करोड़ किया जाएगा। वकील की जरूरत नहीं होगी और किसी भी समय दोनों पक्ष आपस में समझौता भी कर सकेंगे। नये कानून में जांच का अधिकार भी होगा ताकि किसी भी उत्पाद में खराबी मिलने पर उस बैच नंबर से हुई पूरी सप्लाई को चेक किया जा सके। ट्रेन और हवाई जहाज लेट होने पर होने वाले आर्थिक नुकसान की शिकायत भी की जा सकेगी। इसके अलावा भ्रमित करने वाले विज्ञापनों और फ्लैट इत्यादि बेचने में झूठे लुभावने ऑफर देने पर भी शिकायत की जा सकेगी।

केवल दाल हुई महंगी

पासवान ने साफ किया कि देश में केवल दाल के दामों में बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह पिछले दो सालों में दाल के उत्पादन में आई भारी गिरावट है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार विदेशों से दाल आयात कर रही है। पूरी दुनिया में दाल नहीं खाई जाती है। कुछ देश ऐसे हैं जो केवल भारत को दाल बेचने के लिए इसका उत्पादन करते हैं। वे भी पूरी तरह से हमें सप्लाई नहीं दे पा रहे हैं। इसके बाद भी केन्द्र सरकार के पास डेढ़ लाख टन दाल का बफर स्टॉक है। राज्य सरकार को हम 66 रूपये किलो में अरहर की दाल दे रहे हैं। वे चाहे तो सीलिंग लगा सकते हैं कि 120 रूपये किलो से ज्यादा दाम पर दाल नहीं बिकेगी। इससे महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

तीस हजार करोड़ का नुकसान

राशन में सब्सिडी देने से केन्द्र सरकार को तीस हजार करोड़ रूपये का नुकसान सहना पड़ रहा है। राज्य सरकार चाहे तो सब्सिडी देकर इसे मुफ्त कर दे। इससे पीडीएस में करप्शन भी कम होगा। उन्होंने बताया कि 56 फीसद राशन कार्डो का आधार कार्ड से लिंक करने के बाद करीब 1.62 करोड़ राशन कार्ड फर्जी पाये गये। इसमें सरकार को दस हजार करोड़ की सालाना चपत लग रही थी। जल्द ही हम सप्लाई चेन को भी कम्प्यूटराइज्ड करने जा रहे हैं। राशन की दुकानों पर राशन पहुंचाने की व्यवस्था भी की जा रही है। जुलाई तक एफसीआई के सभी डिपो भी ऑनलाइन हो जाएंगे।