LUCKNOW (16 Jan): इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फिल्म पद्मावती के रिलीज के खिलाफ दाखिल प्रत्यावेदन पर निर्णय न लेने पर मुंबई स्थित बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टीफिकेशन के चेयरमैन प्रसून जोशी को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने जोशी को तीन सप्ताह में अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवायी 12 फरवरी को है. यह आदेश जस्टिस महेंद्र दयाल की एकल पीठ ने कामता प्रसाद सिंघल की ओर से दायर अवमानना याचिका पर पारित किया।

 

फिल्म पद्मावत को लेकर यूपी हाईकोर्ट का सेंसर बोर्ड चेयरमैन प्रसून जोशी को अवमानना नोटिस

 

बोर्ड चेयरमैन को पेश किया था प्रत्यावेदन

याचिका में कहा गया था कि याची ने पद्मावती को रिलीज करने से रोकने के लिए पूर्व में एक जनहित याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने नौ नवंबर, 2017 को याचिका तो निरस्त कर दी थी लेकिन, उसे अनुमति दी थी कि सिनेमैटोग्राफ सर्टिफिकेशन रूल्स 1983 के नियम 32 के तहत अपना प्रत्यावेदन पेश कर सकता है. याची का कहना था कि उसने 13 नवंबर, 2017 को अपना प्रत्यावेदन बोर्ड के चेयरमैन को प्रस्तुत कर दिया था लेकिन, कोर्ट की ओर से दिये गए तीन सप्ताह बीत जाने के बावजूद उसका प्रत्यावेदन आज तक नहीं किया गया. दरअसल, याची की ओर से फिल्म को रिलीज करने के खिलाफ तर्क दिया जा रहा है कि फिल्म सती प्रथा को बढ़ावा देने वाली है, जबकि सती प्रथा को बढ़ावा देना अपराध की श्रेणी में आता है।

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