- पांच महीने से नहीं मिली तनख्वाह, भुखमरी की नौबत आई

- कमिश्नर ऑफिस में घुसने के लिए पीए से धक्कामुक्की kanpur@inext.co.in

KANPUR : पांच महीने से वेतन की एक पाई भी न मिलने पर यूपीएफसी कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए कर्मचारियों ने कमिश्नर कार्यालय घेर लिया और अंदर जाने के लिए पीए से धक्कामुक्की की। हंगामे की सूचना पर भारी फोर्स समेत एडीएम सिटी मौके पर पहुंच गए और कर्मचारियों को शान्त करने की कोशिश की।

यूपीएफसी इस वक्त बदहाल हो चुका है। यहां कुल 411 अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं। हालात यह हैं कि सभी कर्मियों को जनवरी महीने से वेतन भी नहीं मिल पाया है। वेतन न मिलने से इन कर्मचारियों की भुखमरी की नौबत आ गई है। 22 मार्च को बोर्ड बैठक के बाद चीफ सेक्रेट्री ने भी वेतन देने को कहा था, इसके बावजूद वेतन नहीं मिला। दो दिन से वेतन की मांग को लेकर कर्मचारी-अधिकारी आंदोलन कर रहे हैं। इसके बावजूद उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे सोमवार को सभी कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा।

प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया

दोपहर में कमिश्नर जो कि यूपीएफसी के एमडी भी हैं, उनके कैम्प कार्यालय को कर्मचारियों ने घेर लिया और नारेबाजी करने लगे। इस पर कमिश्नर ने कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए अंदर ऑफिस में बुलाया। बातचीत के लिए गए फाइनेंस कंट्रोलर कन्हैयालाल, चीफ मैनेजर सुनील बाजपेई, सीएस बग्गा ने बताया कि वार्ता में कमिश्नर ने वेतन देने के लिए साफ मना कर दिया है। उनका कहना है कि विभाग को ही बंद कर दो।

पीए को धक्कामुक्की कर किनारे कर दिया

इतना सुनते ही कर्मचारी भड़क गए और कमिश्नर आफिस में घुसने का प्रयास करने लगे। पीए विमल ने रोका तो उसको भी धक्कामुक्की कर किनारे कर दिया। इसी बीच हंगामे की सूचना पाकर एडीएम सिटी अविनाश सिंह फोर्स लेकर वहां पहुंच गए। कर्मियों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर उन्हें शान्त कराने की कोशिश की, लेकिन कर्मचारी नहीं माने और बाहर आकर सड़क पर बैठ गए।

रिजर्व फंड में हैं 37 करोड़ रुपए

यूपीएफसी कर्मी राजेन्द्र गौतम, अशोक मिश्रा, वीके श्रीवास्तव, राममोहन निगम, सुनील सोनकर, पीके मिश्रा, रमा चौधरी, शशिबाला अवस्थी, राजेश अवस्थी समेत सभी कर्मचारियों का कहना है कि वेतन के लिए रिजर्व फंड में 37 करोड़ रुपए हैं। इसमें से वेतन दिया जा सकता है, इसकी विधिक राय भी ले ली गई है। इसके बावजूद कमिश्नर उनकी नहीं सुन रहे हैं। जब तक वेतन का फैसला नहीं हो जाएगा आंदोलन जारी रखेंगे।