यूपी-पीसीएस प्री एग्जाम का पेपर आउट

- एग्जाम शुरू होने से पहले मार्केट में आ गया पेपर

- पांच-पांच लाख रुपए में बिके पेपर

- डीजीपी ने की पेपर रद करने की संस्तुति

- लोक सेवा आयोग के सचिव व परीक्षा नियंत्रक ने परीक्षा रद करने से किया इनकार

ALLAHABAD: पीसीएस एग्जाम कंडक्ट कराने के साथ ही गवर्नमेंट को क्लास टू अफसर देने वाले लोक सेवा आयोग पर संडे को पेपर आउट का काला धब्बा लगा। क्9फ्7 में बने यूपी लोक सेवा आयोग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब पीसीएस प्री-एग्जाम का पेपर आउट हुआ है। पेपर आउट का ये मामला कहीं और नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सामने आया है। लखनऊ में पीसीएस प्री एग्जाम का पेपर आउट होने, पांच-पांच लाख रुपए में पेपर बिकने और फिर आउट किए गए पेपर व लोकसेवा आयोग द्वारा तैयार किए गए पेपर के क्भ्0 में से क्भ्0 क्वेश्चन सेम टू सेम मिलने से लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और सदस्य जांच के घेरे में आ गए हैं। वहीं प्रदेश सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं।

एक घंटे पहले ही पेपर हुआ आउट

लोक सेवा आयोग की ओर से संडे को यूपी-पीसीएस प्री एग्जाम कंडक्ट कराया गया। जिसके लिए आगरा, इलाहाबाद, आजमगढ़, गाजियाबाद, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, वाराणसी, मथुरा, मैनपुरी समेत अन्य प्रमुख जिलों में सेंटर बनाया गया। पीसीएस प्री एग्जाम संडे की सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू होना था। लेकिन एग्जाम शुरू होने से करीब एक घंटे पहले ही, सेंटर्स व आस-पास के एरिया में हलचल मच गई। क्योंकि पेपर शुरू होने से पहले पीसीएस प्री एग्जाम का पेपर जो मार्केट में आ चुका था।

वाट्स पर चली पेपर की सीरिज

पेपर लीक करने वाले गैंग ने पेपर आउट करने के बाद इसे सेल करने और कैंडिडेट्स तक पहुंचाने के लिए वाट्सअप का सहारा लिया। पहले कस्टमर यानी उन कैंडिडेट्स को ढूंढा गया, जो पीसीएस प्री-एग्जाम में बैठने वाले थे। फिर उनसे सेटिंग किया गया। सेटिंग होने पर और पांच लाख रुपए मिलने के बाद वाट्सअप पर पेपर सेंड कर दिया गया। कुछ लोगों ने जहां अकेले ही पंाच लाख रुपये देकर पेपर लिया। वहीं कुछ कैंडिडेट्स ने पैसा इकट्ठा कर एक पेपर खरीदा और और उसे आपस में वाट्सअप के जरिये डिस्ट्रीब्यूट कर लिया। इलाहाबाद के भी कुछ स्टूडेंट्स तक लीक पेपर पहुंचने की सूचना है। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

सेम टू सेम कैसे?

पीसीएस प्री एग्जाम का पेपर लीक होने और मार्केट में पांच-पांच लाख रुपए का पेपर बिकने का मामला जब डीजीपी तक पहुंचा तो डीजीपी एके जैन ने जांच का आदेश दिया और एसटीएफ की टीम को लगाया। डीजीपी के आदेश पर एसटीएफ ने तत्काल जांच शुरू की तो कुछ ही घंटों में ये क्लीयर हो गया कि पेपर आउट हो चुका है। सोर्सेज की मानें तो पेपर का जब मिलान कराया गया तो क्भ्0 में से क्भ्0 क्वेश्चन एक-दूसरे से सेम टू सेम मिल रहे थे। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया कि आखिर इतनी तैयारी, फूलप्रूफ प्लानिंग और कड़ी सुरक्षा के बाद भी ये सब कैसे हो गया?

लखनऊ के साथ ही पूरा प्रदेश है शक के घेरे में

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाई रिस्क जोन होने के बाद भी पेपर आउट होने और पांच-पांच लाख रुपए में पेपर बिक्री के बाद केवल लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। इलाहाबाद सबसे ज्यादा निशाने पर आया। जहां एग्जाम में शामिल कैंडिडेट्स ने एग्जाम देने के बाद लोक सेवा आयोग कार्यालय पहुंच कर विरोध जताया। बवाल की आशंका को देखते हुए लोक सेवा आयोग पर फोर्स तैनात कर दी गई।

मास्टरमाइंड की तलाश में निकली टीम

यूपी पीसीएस प्री एग्जाम का पेपर लीक होने और मार्केट में वाट्सअप के थ्रू पांच-पांच लाख रुपए में पेपर सेलिंग की जानकारी होते ही, एसटीएफ टीम उन लोगों की तलाश में जुट गई है, जिन्होंने पूरी प्लानिंग की है। मास्टरमाइंड की तलाश के लिए एसटीएफ और पुलिस की कई टीमें बनाकर यूपी के अलग-अलग शहरों में दौड़ा दी गई हैं। लखनऊ में जहां एसटीएफ ने जाल बिछा दिया है, कैंडिडेट्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं इलाहाबाद में भी जल्द ही एसटीएफ टीम पहुंच सकती है, जो सस्पेक्टेड लोगों से पूछताछ कर सकती है।

वर्जन

लखनऊ में जो कुछ हुआ है उसकी जांच हो रही है। जांच रिपोर्ट आते ही सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। यहां कोई पेपर आउट नहीं हुआ है।

रिजवानुर रहमान

सचिव, लोक सेवा आयोग

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इलाहाबाद में कोई पेपर आउट नहीं हुआ है और ना ही उन्हें ऐसी कोई सूचना है। पूरे प्रदेश में दोनों शिफ्ट में एग्जाम कराया गया है। कोई पेपर अभी कैंसिल किए जाने की विभाग की ओर से निर्देश नहीं है।

प्रभुनाथ

एग्जाम कंट्रोलर, लोक सेवा आयोग

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पेपर लीक होने का मामला इलाहाबाद में नहीं है। लखनऊ में जो कुछ हुआ है, उसकी जांच आफिसर कर रहे हैं। इलाहाबाद में ऐसी कोई इनपुट नहीं मिली है।

प्रवीण सिंह चौहान

एसटीएफ, प्रभारी