- बिजली और पानी न मिलने पर घरों से बाहर निकले लोग

- सुपरटेक मैनेजमेंट ने लोगों को डराने के लिए मॉल से बुलाए बाउंसर

- पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाकर कराया शांत

Meerut : बिजली और पानी बाधित होने से सुपरटेक पॉम ग्रीन के निवासियों ने जमकर हंगामा किया। लोगों ने बिजली बंबा बाईपास में जाम लगाया और कंट्री इन होटल और शॉप्रिक्स मॉल के गेट के बाहर मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों से निपटने के लिए मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के कर्मचारियों ने मॉल के बाउंसर्स का भी सहारा लिया। प्राधिकरण और पुलिस के अधिकारियों ने मामले को शांत कराया। तब जाकर बिजली और पानी बहाल हो सकी।

मंगलवार को ही लिखी जा चुकी थी पटकथा

इस हंगामें की पटकथा मंगलवार को ही लिखी जा चुकी थी। पॉम ग्रीन रेजीडेंसी के लोगों के अनुसार मंगलवार शाम करीब फ्0-ब्0 महिलाएं एरोबिक्स के लिए मेंटेनेंस के कर्मचारियों से कम्यूनिटी हॉल खोलने के लिए कहा। कर्मचारियों ने हॉल ये कहकर खोलने से मना कर दिया कि हाल ही में यहां के दोनों एसी ठीक हुए हैं। महिलाओं ने जोर दिया, लेकिन कर्मचारी टस से मस नहीं हुए। आरोप ये भी है कि कर्मचारियों ने महिलाओं से अभद्र भाषा में बात की। रात को जब उनके पति घरों में आए तो उन्होंने पूरी कहानी बयां कर दी। सभी लोग संयुक्त रूप से पहुंचे और कर्मचारियों को काफी कुछ सुना दिया। इसके बाद कर्मचारियों ने बुधवार को स्ट्राइक करने का मन बना लिया।

नहीं आई बिजली और पानी

सुबह सात बजे जब कर्मचारियों की बदली हुई तो पूरी सोसायटी की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर दी। काफी देर तक बिजली पानी न आने से सभी लोग कर्मचारियों से मिलने पहुंचे तो कर्मचारियों ने स्ट्राइक के बारे में बता दिया। दर्जनों लोगों ने वहां पर हंगामा करना शुरू कर दिया। कई बार कहने के बाद भी जब बिजली-पानी की आपूर्ति नहीं शुरू की गई तो लोगों का आक्रोश काफी बढ़ गया।

बाईपास पर लगाया जाम

पब्लिक में आक्रोश इतना बढ़ गया कि उन्होंने बिजली बंबा बाईपास में ट्रैफिक जाम लगा दिया। वहीं होटल कंट्री इन और शॉप्रिक्स मॉल के बाहर नारेबाजी करने लगे। लोगों को शांत कराने के लिए कर्मचारियों ने मॉल से बाउंसर्स को बुला लिए, जिससे मामला और भी ज्यादा बढ़ गया। इतनी ही देर में मौके पर प्राधिकरण और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराया दोनों पक्षों में समझौता कराकर बिजली-पानी की आपूर्ति को बहाल कराया।

ये मानना है अधिकारियों का

प्राधिकरण के कर्मचारियों ने जो मामले की रिपोर्ट दी है, उसके अनुसार यहां पर दो सोसायटी बनी हुई हैं। जिनमें काफी ईगो प्रॉब्लम होती है। वहीं जब मैनेजमेंट लोगों से मेंटेनेंस चार्ज करता है तो सभी लोगों को समान रूप से सुविधाएं देने की जिम्मेदारी बनती है। इस हंगामें में मैनेजमेंट की जिम्मेदारी ज्यादा है।

दोनों को पक्षों का शांत कराकर बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल करा दिया गया है। जो भी हुआ गलत हुआ। ऐसे इंसीडेट कभी-कभी बड़ा रूप भी ले लेते हैं।

- राजेश कुमार यादव, वीसी, एमडीए