BAREILLY: ट्रेनों में ही नहीं बल्कि परिवहन निगम की बसों में भी यात्री सर्द हवाओं की मार झेलने के लिए मजबूर हैं। परिवहन निगम प्रबंधन सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले बसों की विंडो के टूटे शीशों, डोर और जर्जर बॉडी की मरम्मत कराना गंवारा नहीं समझा। लिहाजा, यात्रियों को बसों में कंपकंपाते हुए सफर करना पड़ रहा है। बसों में सफर के दौरान सर्द हवाओं का दंश झेल चुके यात्री अब साथ में कंबल लेकर चलने की बात कह रहे हैं।

 

 विंडो में एक कांच

अधिकतर बस के विंडो में एक ही कांच लगा हुआ है। यदि, कोई यात्री अपनी तरफ कांच को खींचता है तो दूसरी तरफ खुला रह जाता है। जिससे सीट पर बैठे यात्री को सर्द हवाओं को झेलना मजबूरी बन जाती है। कई बार तो कांच को अपनी तरफ करने को लेकर यात्री आपस में भिड़ जाते हैं और कई बार नौबत मारपीट तक भी पहुंच जाती है।

 

रबर के ग्रिप भी खराब

कांच के चारों तरफ लगने वाला रबर का ग्रिप भी खराब हो गए हैं। साथ ही कांच को पकड़ने के लिए जो सपोर्ट लगे होते हैं, वह भी गायब हो गए हैं। जिससे कांच को पकड़ कर बंद करना मुश्किल हो जाता है। वहीं रबर के ग्रिप नहीं होने से विंडो ठीक तरह से बंद नहीं हो पाता है। किसी तरह बंद भी हो जाता है, तो हवाओं के अंदर आने की जगह बनी रहती है.

 

दरवाजे भी खस्ताहाल

विंडो ही नहीं बस के दरवाजे भी खस्ता हाल हैं, जो कि आधे अधूरे ही बंद होते हैं। बसों की बॉडी भी कई जगह से जर्जर हैं। कई बस की बॉडी में छोटे-छोटे होल हो गए हैं, जिनसे आती ठंडी हवाएं अंदर बैठे मुसाफिरों को ठिठुरने पर मजबूर कर रही हैं। जर्जर हो चुकी बसों को परिवहन निगम प्रबंधन सही नहीं कर रहा है।

 

लगा रहा है जुगाड़ सिस्टम

बेहतर सेवा देने का दावा करने वाली रोडवेज ने यात्रियों की सुविधाओं पर भी जुगाड़ लगा दिया है। बस का जो हिस्सा जैसे विंडो, बॉडी टूट गया है, उसे सही कराने की बजाय वहां पर प्लॉस्टिक या लोहे की चादर बांध रख्ाी हैं।

 

जान से भी खिलवाड़

रोडवेज की बसों से सफर कर रहे यात्री सिर्फ सर्द हवाएं ही नहीं झेल रहे हैं। बल्कि, उनकी जान को भी खतरा है। क्योंकि, रोडवेज के बेड़े में शामिल 500 से अधिक बसों में फॉग लाइट नहीं लगी है। यहीं नहीं कई बसों के वाइपर भी गायब हैं, जिसके चलते घने कोहरे में बसों को चलाना चालकों के लिए मुश्किल हो जाता है। सामने से कुछ साफ नहीं दिखाई देने पर एक्सीडेंट का भी खतरा रहता है। कुछ दिन पहले ही बहेड़ी में एक स्कूली बस से रोडवेज बस भिड़ गई थी। हादसे में करीब दर्जनभर लोग घायल हो गए थे।

 

बस के जो विंडो हैं उनमें एक ही तरफ कांच होता है। कई बार तो यह इतना जाम होता है कि बंद ही नहीं होता है। रोडवेज की बसों में सफर करना है तो कंबल लेकर आना पड़ेगा।

हिमांशु

 

बस के विंडो सही से बंद नहीं हो रही थी। जिसकी वजह से सर्द हवाएं अंदर आ रही थी। सफर के दौरान ठंड की वजह से हालत खराब हो गई।

अमन