- यूपीटीयू के 31 इंजीनियरिंग कॉलेज और 57 पॉलिटेक्निक है शामिल

- 11 पीजी डिप्लोमा और 12 मैनेजमेंट कॉलेज भी है शामिल

- एआईसीटीई ने इन सभी कॉलेजों को जारी किया नोटिस

LUCKNOW: मानकों से खिलवाड़ करने वाले उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी यूपीटीयू के एफिलिएटेड कॉलेजों पर एआईसीटीई का डंडा चला हैं। एआईसीटीई की ओर से जारी शिक्षण संस्थान जिन्होंने मानकों से खिलवाड़ किया है, उसमें प्रदेश के कई बड़े कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थान शामिल है। इस लिस्ट में यूपीटीयू के फ्क् कॉलेज व प्राविधिक शिक्षा परिषद से एफिलिएटेड करीब भ्7 पॉलिटेक्नि के नाम शामिल है। इन शिक्षण संस्थाओं में बीटेक, फार्मेसी व मैनेजमेंट की म्000 व पॉलिटेक्निक की ख्0,000 सीटें समाप्त हो सकती है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन एआईसीटीई ने नए साल से इन कॉलेजों के अप्प्रूवल पर रोक लगाते हुए इन सभी शिक्षण संस्थानों को नोटिस जारी की है।

यूपी के क्07 कॉलेजों के नाम है शामिल

एनआईसीटीई की ओर से जारी किए गए ओवर ऑल लिस्ट में यूपी के सबसे अधिक क्07 शिक्षण संस्थाओं के नाम शामिल है। जो मान्यता के लिए बनाए गए मानकों पर खड़े नहीं उतरे है। एआईसीटीई ने कहा कि इन कॉलेजों में न तो मानक के अनुरूप ट्रेंड टीचर्स है और नहीं स्टूडेंट्स के पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधन है संस्थान में मौजूद है। जारी लिस्ट में बताया गया है कि इन कॉलेजों में नए लैब, वर्कशॉप, लाइब्रेरी और स्टूडेंट्स और टीचर्स रेरियों काफी खराब है। कई पॉलिटेक्निक संस्थाओं में तो प्रयाप्त रूम तक नहीं उपलब्ध है।

अपील में पास हुए तभी बचेंगे

एआईसीटीई की ओर से जारी लिस्ट में शामिल कॉलेजों को काउंसिल में अपली करने का मौका दिया गया है। सभी कॉलेजों को क्फ् अप्रैल तक नोटिस और मांगी गई जानकारियों पर जवाब देना है। काउंसिल के सदस्य जवाब से संतुष्ट होंगे तभी इन कॉलेजों में नए सेशन में एडमिशन की हरी झंडी दी जाएगी। इसके अलावा इन कॉलेजों को फ्0 अप्रैल तक सभी मानक पूरे करने को कहा गया है।

छह हजारी सीटों पर संकट के बादल

बिना मानक पूरे किए संचालित हो रहे इन टेक्निकल संस्थानों के बंद होने से प्रदेश के करीब छह हजार सीटों पर एडमिशन नहीं हो सकेगा। जिसमें से करीब पांच हजार सीटें तो केवल बीटेक की है। मानकों पर खरे न उतरने वाले कॉलेजों की लिस्ट में सबसे ज्यादा भ्7 पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लिस्ट में क्क् पॉलिटेक्निक कॉलेज सरकारी हैं। इन कॉलेजों में आधारभूत सुविधाओं का अभाव है।