- 2009 में बंद कर दी गयी थी यह योजना

- 40वीं एकेडमिक काउंसिल ने दी संचालन की सहमति

- 150 से अधिक रिसर्च स्कॉलर को मिलेगा इसका फायदा

- यूपीटीयू के सभी सरकारी कॉलेजों में होगा लागू

shyamchandra.singh@inext.co.in

LUCKNOW: रिसर्च के साथ-साथ टीचिंग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष ख्009 में बंद की गयी टीचर्स फेलोशिप योजना को उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) ने फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इस फेलोशिप में रिसर्च स्कॉलर को असिस्टेंट प्रोफेसर की भांति भत्ता दिया जाएगा। इस योजना को शुरू करने के लिए टेक्निकल यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल ने मंजूरी दे दी है।

क्भ्0 स्कॉलर को फायदा

टीचर्स फेलोशिप योजना को इस बार शुरू करने के लिए यूनिवर्सिटी में सम्पन्न हुई ब्0वीं एकेडमिक काउंसिल ने इस मामले पर अपनी सहमति दे दी है। यह योजना केवल सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों पर ही लागू होगी। फेलोशिप के फिर से शुरू होने से तकरीबन क्भ्0 से ज्यादा रिसर्च स्कॉलर्स को लाभ मिलेगा। इसके तहत छात्रों को रिसर्च के साथ ही पढ़ाई करने का भी अवसर दिया जाएगा।

टीचर्स की कमी होगी दूर

यूपीटीयू में टीचर्स फेलोशिप शुरू हो जाने की वजह से शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहे सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की कुछ दिक्कतें कम हो जाएंगी। इन कॉलेजों में विभिन्न कोर्सेस में पीएचडी कर रहे छात्रों को शामिल किया जाएगा, जिससे एक तो रिसर्च स्कॉलर के अंदर टीचिंग के स्किल को डेवलप करने में मदद मिलेगी। वहीं, संस्थानों की समस्याएं काफी हद तक दूर हो सकेंगी।

विज्ञापन के जरिए आवेदन

इस फेलोशिप के लिए यूनिवर्सिटी स्तर पर विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। उसके बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार करते हुए रिसर्च स्कॉलर का चयन किया जाएगा। चयनित स्कॉलर ही इस फेलोशिप को पाने के लिए अधिकृत होंगे। चयन के बाद इन सभी स्कॉलर को उनके काम के आधार पर भत्ता ि1दया जाएगा।

इस फेलोशिप से रिसर्च स्कॉलर को काफी मदद मिलेगी। फेलोशिप से जहां छात्रों को बेहतर शोध करने में मदद मिल सकेगी। वहीं, टीचिंग का भी अनुभव छात्रों को मिल सकेगा।

-पवन गंगवार

कुलसचिव, यूपीटीयू।