- एसईई का डाटा बेचने का मामला

- जांच अधिकारियों को अभी तक नहीं दिया गया कोई डाटा

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) में डाटा बेचे जाने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही ही जांच पर भारी पड़ रही है। खुद यूनिवर्सिटी के अधिकारी ही जांच कमेटी के काम में रोड़ा बन रहे हैं। मामले के लिए जांच के लिए गठित कमेटी को अभी तक यूपीटीयू की ओर से कोई भी डाटा नहीं उपलब्ध कराया गया है। जांच कमेटी ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी ने एसईई का ओरिजनल डाटा मांगा था। पर कमेटी गठित होने के चार दिन के बाद भी यूपीटीयू प्रशासन की ओर से अभी तक डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया है। डाटा न मिलने से जांच कमेटी ने अभी तक शिकायतकर्ता की ओर से पेश किए गए डाटा से मिलान नहीं कर पा रहा है।

पूरी टीम ही जांच के घेरे में

एसईई का डाटा बेचे जाने के मामले में गठित जांच कमेटी को पूरा सहयोग न देने के मामले पर अब यूनिवर्सिटी के ही अधिकारियों पर सवाल उठने लगे है। यूपीटीयू के सूत्रों का कहना है कि अगर एसईई का डाटा बेचा नहीं गया है कि जैसा अभी तक कोऑडिनेटर प्रो। जेपी सैपी दावा कर रहे है। तो उन्हें जांच कमेटी को डाटा उपलब्ध कराने में क्या प्रॉब्लम हो सकती है। ज्ञात हो कि यूपीटीयू के पूर्व वीसी प्रो। आरके खांडल के समय प्रो। जेपी सैनी को एसईई का कोऑडिनेटर नियुक्त किया गया था। उस समय भी उनके नियुक्ति पर यूनिवर्सिटी के ही कुछ अधिकारियों ने सवाल उठाए थे।

अभी तक यूनिवर्सिटी की ओर से अभी तक डाटा नहीं उपलब्ध नहीं कराया गया है। न ही कोई जानकारी ही यूनिवर्सिटी ने दी है।

- प्रो। रघुराज सिंह,

सदस्य, जांच कमेटी