-यूपीटीयू ने कॉलेजेस को जारी किया निर्देश

-करवाना होगा दो टेस्ट, अटेंडेंस की भी बाध्यता

-परीक्षा से रोकने, एडमिट कार्ड जारी न करने की चेतावनी

-31 जुलाई से शुरू होना है शैक्षणिक सत्र

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: करेंट में शिक्षा की गिरती गुणवत्ता देशभर के शिक्षाविदें के लिए चिंता का विषय है। यही रीजन है कि दुनिया के टॉप दो सौ इंस्टीट्यूशंस में इंडिया का कोई भी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट शामिल नहीं है। इसमें सुधार के लिए व्यापक स्तर पर उपाय किए जा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) ने कॉलेजेस को कई ऐसे इंस्ट्रक्शन जारी किए हैं जिससे बड़े सुधार की उम्मीद बंधी है।

रजिस्ट्रार ने जारी किया ऑर्डर

बता दें कि यूपीटीयू से जुड़े सात सौ से ज्यादा एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस में दाखिले का दंगल शुरू हो चुका है। इसी के साथ न्यू एकेडमिक सेशन ख्0क्भ्-क्म् के लिए एकेडमिक कैलेंडर भी जारी किया जा चुका है। कॉलेजेस में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत फ्क् जुलाई से होनी है। इससे पहले कि नवप्रवेशी स्टूडेंट्स की क्लासेस शुरू हों। यूपीटीयू के रजिस्ट्रार केके चौधरी की ओर से जारी किए गए आर्डर में बेहद इम्पार्टेट सुझाव दिए गए हैं जिन्हें फालो करना कॉलेजेस की बाध्यता होगी।

70 व 7भ् फीसदी अटेंडेंस अनिवार्य

यूपीटीयू ने कॉलेजेस से कहा है कि वे न्यू एकेडमिक सेशन में स्टूडेंट्स के लिए दो क्लास टेस्ट का आयोजन करें। इसमें पहला टेस्ट एक तिहाई और दूसरा टेस्ट दो तिहाई सेलेबस पूरा होने से पहले करवा दिया जाए। इसमें प्रतिभाग करना छात्र-छात्राओं के लिए बाउंड किया गया है। तय किया गया है कि क्लासेस में 70 फीसदी उपस्थिति वाले छात्र पहले टेस्ट और 7भ् फीसदी उपस्थिति वाले छात्र दूसरे टेस्ट में शामिल होंगे।

पैरेंट्स तक पहुंचेगी शिकायत

इसमें लापरवाही बरतने वाले छात्रों को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ेगा। कॉलेजेस से कहा गया है कि टेस्ट में शामिल न होने वाले छात्रों को मुख्य परीक्षा देने से रोका जाएगा और उनके एडमिड कार्ड भी जारी नहीं किए जाएंगे। खास बात यह है कि इसमें कॉलेजेस और स्टूडेंट्स के पैरेंट्स के लिए भी जवाबदेही तय की गई है। कॉलेजेस कहा गया है कि वे शार्ट अटेंडेंस वाले स्टूडेंट्स का पूरा ब्यौरा यूनिवर्सिटी को सौंपेंगे। यही नहीं छात्रों के माता-पिता को भी इससे अवगत करवाएंगे।

छुट्टियों में भी लेनी होगी क्लास

हालांकि, फ‌र्स्ट और सेकेंड टेस्ट में शामिल होने की अनिवार्यता से उन स्टूडेंट्स को दूर रखा गया है। जोकि किसी बीमारी, फैमिली इंसीडेंट या किसी और कारण से परेशान हैं, लेकिन उन्हें इसका वाजिब कारण शिक्षण संस्थान को बताना होगा। रजिस्ट्रार की ओर से जारी किए गए आर्डर में नए सेशन के लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। शिक्षकों के लिए एक सेमेस्टर में भ्ब्0 घंटे पढ़ाना अनिवार्य होगा। यही नहीं उन्हें सप्ताह में और छुट्टियों के दिन भी एक्स्ट्रा क्लासेस लेनी होगी।

फ्यूचर में सख्ती का प्लान

यूपीटीयू की ओर से जारी किए गए निर्देशों को जानकार अत्यंत महत्वपूर्ण बता रहे हैं। उनका कहना है कि यूपीटीयू से जुड़े अधिकांश कॉलेजेस का शैक्षणिक स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इसका अंदाजा पिछले कुछ सेशन से लगातार कम होती जा रही छात्रों की प्रवेश संख्या से लगाया जा सकता है। स्टूडेंट्स की ओर से बड़े पैमाने पर क्लासेस न चलने की शिकायतें भी यूनिवर्सिटी में की गई थी जिसके बाद यूपीटीयू को टीचर्स की नकेल कसनी पड़ी है। सूत्रों का कहना है कि नए शैक्षिक सत्र के लिए जारी किए गए निर्देशों पर लापरवाही बरतने वालों के लिए भविष्य में यूनिवर्सिटी सख्त कदम उठाने का प्लान तैयार कर रहा है।