राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के एक दस्तावेज़ से पता चला है कि मोबाइल एप्लिकेशन से उपभोक्ताओं के ठिकाने, उनके द्वारा देखी गई वेबसाइटें और उनके संपर्क से जुड़े आकड़ों सहित अन्य जनाकारियाँ पाने की कोशिश की जा रही है.

एडवर्ड स्नोडेन के द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों से हुआ यह सबसे ताज़ा रहस्योद्घाटन है. एनएसए ने एक बयान में कहा है कि "वैध विदेशी खुफिया टार्गेट" के आंकड़ों के अलावा अन्य किसी भी आंकड़ें में एजेंसी की कोई दिलचस्पी नहीं है.

इस बयान में कहा गया है, "ऐसा कोई अंदेशा जताना कि विदेशी खुफिया आंकड़ों को जुटाने का एनएसए का कार्यक्रम आम अमरीकी नागिरकों के स्मार्टफ़ोन या सोशल मीडिया पर केंद्रित है, सही नहीं है."

न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रो-पब्लिका और दी गार्डियन के द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएसए और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी जीसीएचक्यु साल 2007 से ही मोबाइल फ़ोन और टैबलेट एप्लिकेशन के माध्यम से जानकारी एकत्र करने के तरीके विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं.

पुरानी तकनीक

लेकिन रिपोर्ट कहते हैं कि आंकड़ें मैपिंग, गेमिंग और सोशल नेटवर्किंग एप्लिकेशन के माध्यम से उस तरह की तकनीक का उपयोग करके प्राप्त किया गया है जिस तरह की तकनीक का इस्तेमाल कर के मोबाइल इंटरनेट ट्रैफिक और टेक्सट मैसेज़ को रोका जाता है.

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कितने आंकड़े एकत्रित किए गए.इन रिपोर्टों के अनुसार दोनों एजेंसियां मोबाइल एप्लिकेशनों के माध्यम से एकत्र आंकड़ों के महत्व को लेकर आश्वस्त हैं.

ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के साल 2008 दस्तावेज़ के हवाले से कहा गया है कि संयुक्त जासूसी कार्यक्रम के तहत, "यदि कोई स्मार्टफ़ोन पर गूगल मैप का उपयोग कर रहा है तो वह जीसीएचक्यु प्रणाली के समर्थन में काम कर रहा है."

साल 2012 की एक जीसीएचक्यु रिपोर्ट के अनुसार फ़ोन पर एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम की सहायता से एंग्री बर्ड खेलने वाले लोगों की जानकारी कैसे निकाल सकते हैं.

दुनिया भर में इस खेल को 1.7 अरब बार डाउनलोड किया गया है. ब्रितानी खुफिया एजेंसी ने कहा कि वह खुफिया मामलों पर टिप्पणी नहीं करेगी, लेकिन उसने इस बात पर जोर दिया कि इसकी सभी गतिविधियां 'अधिकृत, आवश्यक और आनुपातिक' थीं.

'गोल्डेन नगेट'

एक अन्य एनएसए दस्तावेज़ में एक "गोल्डेन नगेट" का वर्णन है जो एक संपूर्ण परिदृश्य पेश करता है और जहां एनएसए विश्लेषकों को व्यापक चयन के लिए एप्लिकेशनों की जानकारी मिल सकती है जैसे किस नेटवर्क से फ़ोन जुड़ा था, डाउनलोड किए गए दस्तावेज़, देखे गए वेबसाइटों की सूची और "दोस्तों की सूची".

दस्तावेजों में उल्लेख किए गए अन्य एप्लिकेशनों में तस्वीर साझा करने वाली साइट फ़्लिकर, फिल्म आधारित सोशल नेटवर्क फ़्लिक्सटर और फ़ेसबुक से संबंधित अन्य एप्लिकेशन शामिल हैं.

डेवलपर्स प्रत्येक एप्लिकेशन से उत्पन्न जानकारी के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन कोई भी सुझाव फर्म जासूसी एजेंसियों को आकड़ें देने के बात से सहमत नहीं था.

सोमवार को न्याय विभाग ने घोषणा कि प्रमुख इंटरनेट कंपनियों के अनुरोध पर एनएसए और अन्य एजेंसियों के साथ पांच समझौते हुए हैं.

गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, याहू, फेसबुक और लिंक्डइन ने पहले ही खुफिया एजेंसियों के लिए जारी की गई जानकारी को सार्वजनिक करने के मामले में अमरीकी सरकार पर मुकदमा दायर किया था.

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