वाशिंगटन (रायटर्स)। अमरीकी रक्षा सचिव जिम मैटिस व मरीन जनरल जोसेफ डनफोर्ड के मुताबिक अमरीकी मिसाइलों ने तीन प्रमुख सीरियाई रासायनिक हथियार संयंत्रों को निशाना बनाया है। यह मिसाइलें समुद्र व लड़ाकू विमानों से छोड़ी गईं। पेंटागन की ओर से कितनी मिसाइलें छोड़ी गईं इसकी पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि यह कहा गया कि कोई अन्य हमला प्रस्तावित नहीं है। इस हमले में अमरीका को ब्रिटेन व फ्रांस का भी साथ मिला। मैटिस व डनफोर्ड ने साफ किया कि हमलों का उद्देश्य सीरिया की रासायनिक हथियार क्षमता को नष्ट करना है। नागरिक या सीरियाई गृहयुद्ध में शामिल विदेशी लड़ाके निशाने पर नहीं हैं।

दावा: क्लोरीन गैस के इस्तेमाल की पुष्टि के बाद हुआ हमला

डनफोर्ड ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि हमले की जगह यह ध्यान में रखकर चुनी गई कि रूसी सैन्य बल इसकी जद में न आएं। उन्होंने यह भी कहा कि अमरीकी सेना ने रूस को हमलों के लिए इस्तेमाल होने वाले हवाई मार्ग की जानकारी तो दी लेकिन इसकी पूर्व सूचना नहीं दी थी। मैटिस ने यह स्वीकार किया कि हमला इस बात की पुष्टि होने के बाद किया गया कि सीरिया में 7 अप्रेल को हुए हमले में क्लोरीन गैस का इस्तेमाल किया गया।

नया नहीं है असद पर रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप

सीरियाई गृहयुद्ध में असद शासन की ओर से रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लगते रहे हैं। इससे पहले पिछले वर्ष सरीन गैस के इस्तेमाल की भी बात कही गई थी। जिसके बाद अमरीकी हमला हुआ था। मैटिस ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि 7 अप्रेल के हमले में सरीन गैस के इस्तेमाल की पुष्टि हो गई है। जैसा कि कई अमरीकी मीडिया संस्थानों ने दावा किया था। वैसे क्लोरीन गैस के इस्तेमाल की पुष्टि करते हुए उन्होंने सरीन के इस्तेमाल होने की आशंका को नकारा भी नहीं।  

इन तीन जगहों को बनाया गया निशाना

पेंटागन के मुताबिक ग्रेटर दमिश्क स्थित एक वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र को निशाना बनाया गया। जो उसके अनुसार रासायनिक व जैविक हथियारों के विकास का केंद्र है। दूसरा निशाना होम्स के पश्चिम में स्थित कथित रासायनिक हथियार स्टोरेज सुविधा को बनाया गया। जहां सीरियाई सरीन गैस के उत्पादन व हथियारों के निर्माण की बात कही जा रही है। तीसरा निशाना होम्स के ही निकट स्थित संयुक्त रासायनिक हथियार स्टोरेज फैसिलिटी व कमांड पोस्ट को बनाया गया।    

पिछले वर्ष से बड़ा हमला

अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि सीरियाई हवाई सुरक्षा ने हमला करने वाले पश्चिमी लड़ाकू विमानों व जहाजों को निशाना बनाया है। उन्होंने इसे पिछले वर्ष किए गए हमले से बड़ा बताते हुए कहा है कि इसमें दोगुने हथियार इस्तेमाल किए गए। पिछले वर्ष अमरीकी विमानवाहक पोतों यूएसएस पोर्टर व यूएसएस रॉस से छोड़ी गई 59 टॉमहाक मिसाइलों ने सीरियाई एयरबेस शायरात को निशाना बनया था।

International News inextlive from World News Desk