आगरा। सिटी के हर गली-मोहल्ले में रोड हो या फिर प्लेग्राउन्ड। सब जगह प्लास्टिक, पॉलीथिन वेस्ट का कचरा बिखरा पड़ा है, सही तरीके से इसका कलेक्शन किया जाए, तो इसके वेस्ट से बेहतर नए प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अफसर कलेक्शन में अपनी जिम्मेदारी को लेकर उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। इसके चलते सिटी में कई बार अभियान चलाने के बाद पॉलीथिन व प्लास्टिक के कचरे में कोई कमी नहीं आई है।

नगर निगम अलग करे कलेक्शन का अरेजमेंट

सिटी में कूड़ा कलेक्ट करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। कुछ समय पहले सिटी के कूड़ा कलेक्शन का जिम्मा एक निजी कंपनी दत्ता एंड दत्ता इंटरप्राइजेज को डोर-टू-डोर कलेक्शन का जिम्मा दिया गया था, लेकिन कुछ दिन बाद नगर निगम और कूड़ा कलेक्शन करने वाली निजी कंपनी के बीच समस्या की स्थिति पैदा हो गई। इसके बाद नगर निगम की ओर से कोई पहल नहीं की गई। मौजूदा समय में चाहिए कि प्लास्टिक वेस्ट और पॉलीथिन को अलग से कलेक्ट कराए, और रिसाइक्लिंग के लिए बाहर भिजवा दे।

ये बन सकते हैं नए प्रोडक्ट

प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग से टूथब्रश, सफाई ब्रश, कंघी, फर्नीचर, कुर्सी, घर में रोजाना यूज होने वाले बर्तन, बॉटल, पेन, मैट, बाथरूम शीट, पॉली बैग आदि बनाए जा सकते हैं।

फाइव स्टार होटल्स हुए सजग

केन्द्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 2009 के तहत फाइव स्टार होटलों में पॉली बैग और पॉलीथिन के यूज पर रोक लगा दी गई है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में प्रतिबंध को निरस्त कराने के लिए याचिका दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसको जनहित में निरस्त कर दिया गया।

1957 से देश में हो रहा पॉलीथिन का उत्पादन

देश में पॉलीथिन का उत्पादन 1957 में शुरू किया गया। इसके बाद शहर-प्रदेश में इसका कारोबार बढ़ता ही चला गया। मौजूदा समय में तकरीबन 400 इकाइयां पॉलीथिन का प्रोडक्शन कर रही हैं।

सात फरवरी 2011 में प्लास्टिक पॉउच पर लगाया जा चुका है बैन

पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सात फरवरी 2011 में तम्बाकू, गुटखा उत्पादों के प्लास्टिक पॉउच की पैकिंग पर रोक लगा दी है।

दुकानदार भी कर सकते हैं पहल

ग्राहकों को सामान देते समय दुकानदार किसी भी ग्राहक को पॉलीथिन या पॉली बैग इस शर्त के साथ दें कि वे उसे वापस करने आएंगे। इसके लिए वे ग्राहक से कम-से-कम चार्ज भी वसूल कर सकते हैं। बैग या पॉलीथिन वापस करने पर दुकानदार उस चार्ज को वापस कर सकते हैं। ऐसा प्रचलन कई देशों में हैं।

इन राज्यों ने भी लगा रखा है पॉलीथिन के यूज पर रोक दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गोवा, वेस्ट बंगाल में भी पॉलीथिन के यूज पर रोक लगा रखी है।