- इनकम टैक्स पर ग्रीन व डाकबंगला पर येलो लाइट बेवजह जलती रहती है

- कंट्रोल रूम के लिए बुडको ने अब तक नहीं निकाला टेंडर

PATNA : आने वाले छह महीने में भी शहर की ट्रैफिक लाइट सही से काम नहीं करने वाली। ट्रैफिक लाइट के नाम पर कुछ चौराहों पर परमानेंट लाइट्स लग तो गयी है, लेकिन वह हमेशा एक ही सिग्नल देती रहती है। इनकम टैक्स पर ग्रीन और डाकबंगला पर येलो लाइट जला कर छोड़ दिया जा रहा है। वहीं ट्रैफिक पुलिस का दावा भी खोखला साबित हो गया जिसने दावा किया था कि हड़ताली चौराहा से डाकबंगला तक की ट्रैफिक अब लाइट के जरिए ही कंट्रोल की जाएगी, जबकि ऐसा अब तक नहीं हो पाया है। ट्रैफिक एसपी पीके दास ने कहा कि उन्हें जब तक बुडको कंट्रोल रूम बनाकर नहीं देगा, तब तक लाइट्स के थ्रू ट्रैफिक को निकालना संभव नहीं है। बुडको को इसको लेकर कई बार सूचना दी है।

क्00 डायल के बगल में बनेगा कंट्रोल रूम

ट्रैफिक एसपी पीके दास के मुताबिक बुडको ने ट्रैफिक का कंट्रोल रूम बनाने के लिए एसएसपी ऑफिस स्थित क्00 डायल के बगल में जगह को चिन्हित किया गया है। इसके लिए बुडको से कई बार संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अभी टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दो से तीन महीने में काम शुरू हो जाएगा। जब तक काम शुरू नहीं होगा, तब तक ट्रैफिक लाइट्स के जरिए ट्रैफिक का मूवमेंट नहीं किया जा सकता है। जानकारी हो कि ट्रैफिक पुलिस की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा था कि जनवरी महीने से ही ट्रैफिक को लाइट्स के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा। मगर ऐसा अब तक नहीं हो पाया है।

आठ महीने के अंदर होना था तैयार

ख्0क्ब् में शहर की ट्रैफिक में लाइट्स लगाने के लिए तत्कालीन नगर विकास मिनिस्टर सम्राट चौधरी ने इनॉगरेशन के साथ ही यह दावा किया था कि आठ महीने में काम पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन साल भर बाद भी बुडको की ओर से अब तक काम सहीं से नहीं हो पाया है। चौराहों पर ट्रैफिक लाइट्स लगाने की प्रक्रिया ही चल रही है। जानकारी हो कि इस प्रक्रिया में बुडको का काम ट्रैफिक लाइट्स को लगाना है और ट्रैफिक डिपार्टमेंट कोइसके जरिए ट्रैफिक कंट्रोल की दिशा में आगे का काम करना है, जबकि नगर निगम को उसके बिजली का बिल पेड करना था।

रूट डायवर्जन से हर दिन घंटों जाम

जानकारी हो कि रूट डायवर्ट होने से हर दिन पटनाइट्स को जाम झेलना पड़ रहा है। ऐसे में अगर वीआईपी मूवमेंट होता है तो परेशानी दुगुनी बढ़ जाती है। जानकार बताते हैं कि अगर ट्रैफिक लाइट्स शुरू हो जाती तो फिर इस तरह की कई परेशानी दूर हो जाती, क्योंकि कैमरे की मदद से पहले ही दूसरे एरिया के जाम को आगे बढ़ाने के लिए ट्रैफिक को खाली कर दिया जाता है।