- बक्सर में बिना किसी को भनक लगे बेच दी गयी शहनाई के शहंशाह की निशानी

- भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खां का टूट गया बिहार की धरती से

जिनकी शहनाई विश्वविख्यात है। जिन पर बिहार का डुमरांव इतराता है। जिनको डुमरांव की धरती अपना बेटा कहती है। उस डुमरांव से भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खां का एक पुराना नाता टूट गया है। इस जमीं पर उस्ताद की तीन कट्ठा, एक धुर, आठ धुरकी जमीन थी। ये जमीन उनके बाप-दादा की निशानी थी। बेटा-बेटी ने चुपके से इसे बेच दिया है। उस्ताद के इंतकाल के बाद डुमरांव में उस धरती पर बिस्मिल्ला की स्मृति संजोने की कल्पना की गई थी। मगर अब वह कल्पना जैसी ही बात लगती है।

खास बात यह भी है कि जमीन मई में बिक गई। नये नाम से उसका दाखिल खारिज हो गया, लेकिन कई दस्तावेज अंचल कार्यालय से गायब हैं। पता करने पर अधिकारी और कर्मचारी सूचना छिपाने की जुगत में भिड़े रहे। डुमरांव के बंधन पटवा रोड के बिस्मिल्ला खां की गली में उस्ताद की एकमात्र पैतृक जमीन है। उसकी देखरेख सुबहान खां करते थे। ख्0 सितंबर को उन्होंने डुमरांव थाने में आवेदन देकर शिकायत की कि शमीम सिद्दिकी उस्ताद की जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहते हैं। वे मारपीट कर रहे हैं। छानबीन हुई। पता चला कि जमीन तो बिक गई है। सुल्तान खां और सुबहान खां खरीदार हैं। डुमरांव के अंचलाधिकारी (सीओ) अमरेंद्र कुमार ने भी बिक्री की पुष्टि की है। जानकारों का कहना है कि जमीन की बिक्री में सभी नियमों को पालन किया गया है इसलिए इसे अब चैलेंज भी नहीं किया जा सकता। हां, इस खबर से स्थानीय लोग हैरान और दु:खी है। उनका सपना था कि जमीन पर उस्ताद जी की स्मृति सहेजी जाए जिससे डुमरांव से उनका नाता हमेशा लोग याद रख सकें। लेकिन अब ये सपना शायद कभी सच नहीं होगा।