- तीन हजार मेगावाट की किल्लत, सोने का इरादा छोड़ दीजिए

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW (21 Aug): सेंट्रल पूल से यूपी का कोटा लगभग भ्भ्00 मेगावाट का कोटा है। हमारे यूपी में लगभग ख्फ्00 से ख्ब्00 का मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा प्राइवेट कम्पनियों व अन्य सोर्सेज से प्रदेश सरकार इस समय लगभग क्0 से क्क् हजार मेगावाट यूनिट बिजली की सप्लाई कर पा रही है। जबकि डिमांड क्फ्भ्00 मेगावाट से ज्यादा की है। शेष दो से ढाई मेगावाट की रोजाना की कटौती की जा रही है। इसमें भी डेढ़ हजार मेगवाट से ज्यादा की रोजाना आपात कटौती भी की जा रही है। इसके अलावा फाल्ट हो या ब्रेक डाउन उसकी कटौती का इसमें कोई जिक्र नहीं हैं।

पूरा सिस्टम ही बर्बाद

प्रदेश में इस समय क् करोड़ ब्भ् लाख कन्ज्यूमर हैं। जबकि उनके द्वारा लिया जा रहा भार फ् करोड़ 90 लाख किलोवाट है। दूसरी तरफ हमारे क्फ्ख् केवी से ज्यादा के सब स्टेशनों की क्षमता सिर्फ ख् करोड़ भ्0 लाख किलोवाट की है। इस प्रकार से देखें तो बिजली विभाग ही पूरा जुगाड़ पर चल रहा है। अगले कई सालों तक अगर सरकार चाह ले तो भी इस समस्या से निजात मिलनी असम्भव है।

गुरुवार को प्रदेश में उत्पादन

ओबरा- ब्ब्म् मेगावाट

अनपरा-7ख्7 मेगावाट

पनकी- 77 मेगावाट

हरदुआगंज-ब्ख्8 मेगावाट

पारीछा-म्क्ब् मेगावाट

बिजली विभाग के अनुसार गुरुवार को कागजों पर आपूर्ति

ग्रामीण- 7.भ्7 घंटे

तहसील-7.भ्7 घंटे

जनपद - क्फ्.क्म् घंटे

मंडल- क्म्.क्0 घंटे

बुंदेलखंड- क्भ् घंटे

महानगर- क्म्.क्म् घंटे

औद्योगिक- ख्ब् घंटे

तय समय में ही काम करेंगे इंजीनियर्स

लगातार चल रही बिजली की किल्लत के बीच अब और अधिक समस्या झेलने के लिए तैयार रहिए। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन यूपी के अधिकारियों ने पूरे यूपी में सिर्फ वर्किंग आवर्स में काम करने का ऐलान कर दिया है। संगठन के महासचिव जीवी पटेल ने बताया कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए पूरे यूपी में बिजली विभाग के इंजीनियर सिर्फ सुबह 8 से शाम भ् बजे तक ही काम करेंगे। उसके बाद कोई काम नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह लेसा, केस्को, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, फैजाबाद, बरेली, मुरादाबाद, बांदा, झांसी, अलीगढ़, गाजियाबाद सभी वितरण क्षेत्रों में लागू होगा। विभाग की सभी यूनिटों ट्रांसमिशन, जल मिशन, उत्पादन निगम और वितरण में यह लागू होगा। जब तक मांगें न मानी जाएंगी यह जारी रहेगा।

जगह-जगह पावर प्लांट ठप

रोजा पावर प्लांट की फ्00 मेगावाट की दो यूनिट गुरुवार की सुबह अचानक बंद हो गईं। पहली यूनिट कोयले की कमी के कारण और दूसरी यूनिट ब्वॉयलर ट्यूब में लीकेज के कारण बंद हो गई। इस कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले जिसमें नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, शामिल हैं। इन जिलों में बिजली की जबर्दस्त कटौती की चपेट में रहे। देर शाम व्वॉयलर ट्यूब में लीकेज को सही किया जा सका। लेकिन, दूसरी यूनिट जो कोयले की कमी से बंद हुई थी, देर रात तक चालू नहीं हो सकी। ये हाहाकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी बना रहा। जहां अनपरा की ख्क्0 मेगावाट की यूनिट टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से अचानक बंद हो गई। जिसे क्0 घंटे बाद ठीक किया जा सका। इस दौरान पारीछा की भी प्रभावित हुई। वहां ख्भ्0 मेगावाट की यूनिट बंद हो गई। पहले से जूझ रहे यूपी में अचानक एक हजार मेगावाट की कमी आने की वजह से पूरे प्रदेश में बिजली का संकट पैदा हो गया। अधिकारियों का फोन घनघनाता रहा।

कानपुर और वाराणसी कटौती मुक्त

कानपुर और वाराणसी को रात में बिजली कटौती से मुक्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। पूवरंचल विद्युत वितरण निगम की एमडी डॉ। साजन और केस्को के एमडी रौशन जैकब ने पावर कारपोरेशन के एमडी एपी मिश्रा व प्रिंसिपल सेक्त्रेटरी (पावर) संजय अग्रवाल के साथ मुलाकात की थी। इन दोनों जिलों की प्रॉब्लम से अधिकारियों को अवगत कराया था। वाराणसी को पीएम का क्षेत्र होने के कारण ख्ब् घंटे की सप्लाई दिए जाने पहले से ही निर्देश दिए गए हैं। मगर रूरल एरियाज में कटौती बदस्तूर जारी थी। अब इन इलाकों में रात को कटौती मुक्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह कानपुर को इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण कटौती से मुक्त रखने के निर्देश दिए गए हैं।

सिस्टम पूरी तरह से मिस मैच है। सरकार ध्यान नहीं दे रही है। अधिकारियों की उदासीनता से गांवों में ब्-भ् से ज्यादा बिजली आ ही नहीं रही है।

अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद

पिछले कई दिनों से बारिश न होने के कारण बिजली की डिमांड में अचानक बढ़त हो गई है। बुधवार को कुछ उत्पादन केंद्रों में प्रॉब्लम आ गई थी। उनमें से कुछ को सही कर लिया गया है, कुछ पर काम चल रहा है।

एपी मिश्रा

एमडी, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड