ह्वाट्सएप और फेसबुक पर वायरल वीडियो से मचा हड़कम्प
अध्यक्ष ने कहा, आयोग नहीं कराता ग्रुप डी की परीक्षा
ALLAHABAD: इस वायरल वीडियो का कंटेंट कितना सही है? यह सवालों के घेरे में है और जांच का विषय है। लेकिन, पहले से ही सवालों में घिरे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने नई मुसीबत लेकर जरूर आ गए हैं। प्रतियोगी छात्र अवनीश पांडेय का दावा है कि वीडियो सही है और इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। इसे उन्होंने सीबीआई से लेकर पीएम तक को ट्वीट कर दिया है ताकि इसे भी जाने वाले दिनों में होने वाली सीबीआई जांच में शामिल किया जाए।
सवाल और जवाब
सवाल: परीक्षा आपने खुद दी थी या नहीं
जवाब: खुद शामिल हुई थी परीक्षा में
सवाल : आपको कितने सवाल के जवाब पहले मिल गये थे
महिला: पहले प्रश्न पत्र के 150 सवालों में से 135 के मिल गये थे
सवाल: दूसरा प्रश्न पत्र था किस सब्जेक्ट का
जवाब: हिंदी का
सवाल: कितने प्रश्न पूछे गए थे
जवाब: 25 प्रश्न थे 50 अंक के
सवाल: इसमें भी पहले उत्तर मिला था
जवाब: हां, करीब 22 सवालों का
सवाल: फिर तो 85 फीसदी नंबर फिक्स
जवाब: तभी तो जॉब की गारंटी ली थी
सवाल: कितने रुपए में तय हुआ था सौदा
जवाब: अब यह बताना ठीक नहीं है
(यह वीडियो किसी रेस्टोरेंट में शूट किया गया है। महिला से बात करने वाले सख्स खुद को प्रतियोगी बता रहे हैं और यह भी कि वह प्री क्लीयर कर चुके हैं। मेंस और इंटरव्यू के लिए सेटिंग करनी है। लड़की साफ कह रही है कि बंदा सेलेक्शन की फुल गारंटी लेता है। कई बार सवाल के बाद भी वह कितने रुपए दिए गए, यह नहीं बताती। इसमें प्रोबेशन और नौकरी ज्वाइन कर लेने की भी बात है.)
2016 परीक्षा के लिये किया था दावा
यह वीडियो कितना सही है? यह तो जांच का विषय है। लेकिन, प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने दावा किया है कि बातचीत में फर्जी तरीके से नौकरी हथियाने और नौकरी दिलवाने का दावा कर रही महिला कोई और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन इलाहाबाद के राजस्व निरीक्षक परीक्षा 2014 में चयनित अन्नपूर्णा यादव (बदला हुआ नामम) हैं। अवनीश का कहना है कि करेंट में वह लखनऊ नगर निगम के सेक्टर 05 में तैनात हैं। हालांकि, अवनीश ने शनिवार की सुबह 10:19 मिनट पर वायरल किये गये वीडियो में दावा किया था कि अन्नपूर्णा का चयन राजस्व निरीक्षक एग्जाम 2016 में हुआ था।
आयोग ने किया खारिज तो कहा 2014 परीक्षा में हुआ चयन
उनके इस दावे के बाद शाम 04:44 बजे आयोग के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र उपाध्याय ने बयान जारी करके कहा कि राजस्व निरीक्षक 2016 का कोई विज्ञापन आयोग द्वारा जारी ही नहीं किया गया। सुरेन्द्र उपाध्याय के मुताबिक वायरल वीडियो का कोई संबंध आयोग से नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने उनके इस दावे की पड़ताल की तो आयोग के मीडिया प्रभारी का बयान सत्य पाया गया। पड़ताल में पता चला कि राजस्व निरीक्षक 2016 की परीक्षा यूपीएसएसएससी लखनऊ ने करवाई थी। इसके बाद अवनीश पांडेय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने वायरल वीडियो के साथ जो रिटेन में कंटेंट दिया, उसमें गलती से 2014 परीक्षा की जगह 2016 लिख दिया था। अवनीश ने इस पूरे मामले की जांच के लिये प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सीबीआई को भी ट्वीट कर दिया है।
यह आयोग को बदनाम करने की साजिश है। इसके खिलाफ आयोग सख्ती से कदम उठायेगा। वीडियो में शामिल महिला के दावे से आयोग का कोई लेना देना नहीं है। मैं इसपर सोमवार को पूरी तरह से कुछ कहूंगा।
सुरेन्द्र उपाध्याय,
मीडिया प्रभारी, यूपीपीएससी
मेरी जानकारी में आयोग राजस्व निरीक्षक की परीक्षा नहीं करवाता है। यह तो ग्रुप सी की भर्ती है। फिर भी मैं पता करवाता हूं कि क्या मामला है?
-प्रो। अनिरूद्ध यादव,
चेयरमैन यूपीपीएससी
संबंधित छात्रा का चयन राजस्व निरीक्षक 2014 की परीक्षा में हुआ है। वीडियो को जांच के लिए मैने सीबीआई के साथ पीएम व अन्य को ट्वीट कर दिया है।
अवनीश कुमार पांडेय
प्रतियोगी छात्र