बरसों से एक ही ढर्रे पर चल रहा उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन

टूट रही प्रतियोगियों की आस, परीक्षा और परिणाम को लेकर रहती है चिंता

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) से प्रतियोगियों की नौकरी पाने की आस धूमिल होती जा रही है। इसके दो बड़े कारण हैं। एक तो आयोग वर्ष 2017 में पीसीएस जैसी बड़ी परीक्षा का आयोजन 24 सितम्बर को करने जा रहा है। इसके अलावा आयोग बड़ी भर्ती परीक्षाओं का परिणाम निकालने में भी फेल साबित हो रहा है। इससे नौकरी को लेकर प्रतियोगियों की आस टूटती जा रही है।

इसकी तो शुरुआत ही नहीं हो सकी

खास बात यह है कि बीते कुछ समय में जैसे यह आयोग की परंपरा में शामिल हो गया है कि वह अधिकांश भर्ती को तीन से चार साल में पूरा कर पा रहा है। कुछ मामलों में तो और भी ज्यादा समय लग जा रहा है। एग्जाम्पल के तौर पर सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पांच अलग अलग विज्ञापन वर्ष 2014-15 में आये थे। लेकिन हैरत की बात यह है कि आज तक लोक सेवा आयोग इसकी भर्ती प्रक्रिया ही शुरू नहीं कर पाया। इस बाबत प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय कहते हैं कि आयोग जानबूझकर भर्ती, परीक्षा और परिणाम को लटकाकर रखता है।

केस-1

सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा एवं सम्मिलित अवर अभियंता परीक्षा का विज्ञापन दिसम्बर 2013 में आया था। इनकी लिखित परीक्षायें अप्रैल- मई 2016 में हुई थीं। लेकिन अभी तक न तो रिजल्ट आया और न साढ़े तीन साल बाद भर्ती ही पूरे होने के आसार हैं। इसके लिये सात बार परीक्षार्थी सड़क पर उतर चुके हैं।

केस-2

पीसीएस जे 2016 का साक्षात्कार बुधवार से शुरू हो सका है। यह साक्षात्कार 28 सितम्बर तक चलेगा। यदि बीच में कोई अड़चन न आई तो ही परिणाम आने की उम्मीद भी होगी। इसकी लिखित परीक्षा 18 से 20 दिसम्बर 2016 को करवाई गई, जिसका परिणाम 18 अगस्त 2017 को आ सका।

केस-3

असिस्टेंट पर्सनल सेक्रेटरी एग्जाम 2010 का रिजल्ट सात साल बाद भी जारी नहीं हो सका है। महज 250 पदों के लिए करवाई गई परीक्षा का रोचक तथ्य यह है कि इस दौरान आयोग में चार अध्यक्ष बदले जा चुके हैं। लेकिन हालात जस के तस ही हैं।

केस-4

सहायक अभियोजन अधिकारी परीक्षा 2015 का अंतिम परिणाम 08 सितम्बर 2017 को आ सका। महज 372 पदों के लिये हुई इस परीक्षा का इंटरव्यू बड़ी मशक्कत के बाद फरवरी- मार्च 2017 और बाद में 21 एवं 22 अगस्त को करवाया जा सका।

केस-5

प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा में एलोपैथिक चिकित्साधिकारी का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को आया था। इसमें सीधी भर्ती के 3286 पदों में 2065 अभ्यर्थी ही चयनित हो सके। बाकी के पद बड़ी संख्या में इसलिये खाली चले गये। क्योंकि इनमें उपर्युक्त अभ्यर्थी ही नहीं मिल सके।

इन परीक्षाओं का परिणाम है पेंडिंग

असिस्टेंट पर्सनल सेक्रेटरी एग्जाम 2010

सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा 2013

सम्मिलित अवर अभियंता परीक्षा 2013

लोअर सबआर्डिनेट एग्जाम 2015 मेंस

पीसीएस 2016 मेंस

समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारम्भिक परीक्षा 2016

आयोग की परीक्षा और परिणाम में कोई समन्वय नहीं है। आयोग की लेटलतीफी का सीधा असर प्रतियोगियों की मानसिक शक्ति पर पड़ता है। इससे न केवल उनकी तैयारियों पर असर पड़ता है, उनके परिवार की आशायें भी धूमिल होती हैं।

-विनोद त्रिपाठी

लोक सेवा आयोग की कुछ चुनिंदा परीक्षाओं को लेकर ज्यादा क्रेज होता है। ऐसे में अगर उनके परिणाम भी देर सबेर आयेंगे तो प्रतियोगी फिर कहां से नौकरी पाने की आस अपने मन में रखे ? निरंतर नई परीक्षाओं का घोषित होना और पुरानों का परिणाम आते रहना चाहिये।

-अमरेन्द्र सिंह

आयोग तेजी से सभी पेंडिंग परिणाम निकालने की तैयारी में जुटा है। आने वाले कुछ समय में एक के बाद एक परिणाम आयेंगे। बड़ी परीक्षाओं का परिणाम निकालना हमारी प्रियारिटी में है।

सुरेन्द्र उपाध्याय, मीडिया प्रभारी यूपीपीएससी