आगरा। आगरा में गर्मी का कहर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन दिनों ऐसा लग रहा है कि जैसे आसमान से आग की बारिश हो रही हो। टेंपरेचर कभी 42 डिग्री सेल्सियस होता तो कभी 45 पार कर जाता है, लेकिन गर्मी से ज्यादा इस मौसम में बढ़ते तापमान से भी ज्यादा परेशानी की बात बढ़ता अल्ट्रा वायलेट (यूवी) रेडिएशन है। आगरा में यूवी रेडिएशन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। डॉक्टर्स के अनुसार, हाई यूवी रेडिएशन स्किन, आई और इम्यून सिस्टम से जुड़ी कई बीमारियों की वजह बन सकता है।

रहें जरा बच कर

द वेदर चैनल, मीटियोविस्टा, वेदर ऑनलाइन, एक्यू वेदर जैसी वेदर एजेंसीज के मुताबिक सिटी का यूवी इंडेक्स सुबह साढे नौ बजे आठ था, जो दोपहर साढे बारह बजे 11 प्लस हो चुका था, जो यूवी रेडिएशन की एक्सट्रीम कैटगरी है। वेदर ऑनलाइन, एक्यूवेदर के मुताबिक शनिवार को सिटी का यूवी इंडेक्स 12, जबकि द वेदर चैनल, मीटियोविस्टा के अनुसार भी यूवी इंडेक्स 11 प्लस रहा। वेदर एजेंसीज के अनुसार अगले चार दिनों तक यानि 10 जून तक सिटी का यूवी इंडेक्स 11 प्लस या 12 ही रहने का अनुमान है। तेज यूवी रेज की वजह से रोजाना एसएन मेडिकल कॉलेज में स्किन से जुड़ी बीमारियों के सैकड़ों केस पहुंच रहे है।

हो सकता है खतरनाक

यूवी रेडिएशन के लगातार एक्सोपजर स्किन, आंख और इम्यून सिस्टम के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है। यूवी रेडिएशन के ओवर एक्सपोजर से सनबर्न, कैटरेक्ट और आंखों से जुड़ी दूसरी बीमारियां, स्किन कैंसर, स्किन डैमेज का खतरा रहता है। यूवी एक्सपोजर से इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ता है। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ने के साथ-साथ वैक्सिन्स का इफेक्टिवनेस कम होता है। यूवी रेडिएशन से बचने के लिए डॉक्टर लोगों को तेज धूप में निकलने से बचने, फूल स्लीव के कपड़े, सनस्क्रीन सहित अन्य सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे हैं।

ऐसे करें अपना बचाव

- तेज धूप में निकलते वक्त हल्के रंग के फुल स्लीव कपड़े, हैट से खुद को अच्छी तरह से कवर करें। यूवी प्रोटेक्टेड सनग्लासेज का इस्तेमाल करें

- धूप में अगर किसी व्यक्ति की परछाई उसकी हाइट से छोटी हो तो सावधानी बरतनी चाहिए, परछाई जितनी छोटी होगी सनबर्न होने की आशंका उतनी ज्यादा होगी।

- सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में निकलने से बचना चाहिए।

- यूवी इंडेक्स 3 या इससे ज्यादा होने पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। अच्छे यूवी प्रोटेक्शन के लिए 15 या उससे ज्यादा सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।

अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के ओवरएक्सपोजर के हैं कई खतरे

- सनबर्न - सनबर्न शॉर्ट टर्म स्किन डैमेज का एक रूप है। इसमें स्किन लाल हो जाता है। इसमें स्किन गर्म होने, दर्द के साथ-साथ स्वेलिंग भी हो सकता है।

- टैनिंग - यूवी रेडिएशन का एक्सपोजर होने पर स्किन बाल, आंख और स्किन को रंग देने वाले पिगमेंट मेलानिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। मेलानिन बढ़ने से स्किन टोन डार्क होता है। इससे स्किन से जुड़ी और भी डिजीज होने की संभावना रहती है।

- प्री मैच्योर स्किन एजिंग - यूवी रेडिएशन का ओवर एक्सपोजर से प्री मैच्योर स्किन एजिंग की भी वजह बनता है। इसमें स्किन में रिंकल, डार्क स्पॉट्स, हार्डेनिंग, इलास्टिसिटी कम होना जैसे समस्याएं होती हैं।

- स्किन कैंसर - यूवी रेडिएशन का ओवर एक्सपोजर स्किन कैंसर की भी वजह बन सकता है।

- फोटोकेराटाइटिस - यूवी रे के ज्यादा एक्सपोजर से आंखों में टेंपररी इंज्यूरी (फोटोकेराटाइटिस) हो सकता है। इससे आंखों में दर्द, आखों में बालू जैसा महसूस होना, विजन कम होना, आईलिड्स का सूजना जैसे लक्षण होते हैं।

- कैटरेक्ट्स - यूवी एक्सपोजर से कैटरेक्ट्स की संभावना भी बढ़ती है।

- इम्यून सिस्टम सप्रेशन - यूवी रेडिएशन का ओवर एक्सपोजर शरीर के इम्यून सिस्टम के प्रॉपर फंक्शनिंग को सप्रेस कर सकता है। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।

जरूरी है सावधानी

व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक 0 से 2 यूवी इंडेक्स होने पर किसी तरह का खतरा नहीं है। इसमे किसी तरह के प्रोटेक्शन की जरूरत नहीं है। 3 से 7 यूवी इंडेक्शन रहने पर प्रोटेक्शन आवश्यक है। इसमें खुद को कवर करना, सनस्क्रीन, सन ग्लासेज का इस्तेमाल जरूरी है। यूवी इंडेक्स 6 से 7 रहने पर दिन में 11 से 4 बजे तक धूप में रहने के समय को कम करना चाहिए। 8 से 10 यूवी इंडेक्स रहने पर दिन में 11 से 4 बजे के बीच धूप में निकलने के साथ-साथ अन्य सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। यूवी इंडेक्स 11 प्लस रहने पर 11 से 4 बजे तक धूप में निकलने से बचने का साथ-साथ सन प्रोटेक्शन के लिए अन्य सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।

क्या है यूवी इंडेक्स?

यूवी इंडेक्स सर्फेस पर पहुंचाने वाले यूवी रेडिएशन के लेवल को बताता है। यह जीरो से शुरू होता है। यूवी इंडेक्स जितना अधिक हो स्किन और आंख के डैमेज होने की संभावना उतनी ज्यादा रहती है।