-होली के दौरान मिलावट रोकने के लिए नहीं चल रहा अभियान

-फूड सेफ्टी ऑफिसर का पद है खाली

-दूसरे अधिकारी भी जिम्मेदारी उठाने से कतरा रहे हैं

JAMSHEDPUR: होली आने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। सेलिब्रेशन की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। रंग-गुलाल के साथ-साथ स्वादिष्ट पकवान और मिठाइयों के साथ होली की दावत की तैयारी है। मिलावट की वजह से त्यौहार के दावत का रंग फीका न पड़े इसके लिए हर बार फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट द्वारा होली के कई दिन पहले से अभियान चलाया जाता था, लेकिन इस बार खुली छूट है। फूड सेफ्टी ऑफिसर हाल ही में रिटायर हो चुके हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के जिन अधिकारियों पर मिलावटखोरी पर लगाम लगाने की जिम्मेवारी है, वो भी पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं।

कैसे लगेगी मिलावटखोरों पर लगाम?

पर्व-त्यौहार के समय मिलावटखोरों की चांदी हो जाती है। खासकर मिठाईयों में तो मिलावट के काफी मामले आते हैं। जमशेदपुर में भी कई बार फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट द्वारा चलाए गए अभियान में मिलावटी मिठाईंयां बेचे जाने की बात सामने आई है, लेकिन इस बार इन मिलावटी मिठाइयों पर कौन लगाम लगाएगा यह एक बड़ा सवाल है। फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर महेश पांडेय कुछ दिनों पहले रिटायर हुए हैं। फिलहाल यह पद खाली है। जो अन्य अधिकारी हैं वो भी इस जिम्मेदारी को उठाने से बचते दिख रहे हैं।

कौन लेगा जिम्मेवारी?

फूड सेफ्टी ऑफिसर नहीं है। इस वजह से परेशानी बढ़ गई है। हम कुछ कार्रवाई करें भी तो पकड़े जाए वाले लोगों के खिलाफ केस-मुकदमा करना पड़ता है। स्टाफ भी कम हैं। ऐसे में होली को देखते हुए अभियान चलाने में परेशानी हो रही है। यह कहना है एडीशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर (एसीएमओ) डॉ केसी मुंडा का। फूड सेफ्टी एक्ट के अंतर्गत एसीएमओ फूड सेफ्टी के डेजिगनेटेड ऑफिसर भी होते हैं, लेकिन फिलहाल ये भी अपनी जिम्मेदारी को पूरी करने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स के प्रभारियों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में फूड सेफ्टी को लेकर जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई है, लेकिन वे कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन में रुकावट

फूड सेफ्टी एक्ट के तहत सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स को लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन लेना है। फूड सेफ्टी ऑफिसर के रेकेमेंडेशन पर डेजिगनेटेड ऑफिसर द्वारा लाइसेंस इश्यू या कैंसल किया जाता है। फूड सेफ्टी ऑफिसर का पद खाली होने की वजह से इस काम में भी परेशानी आ रही है। लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन का डेट कई बार बढ़ाए जाने के बावजूद डिस्ट्रिक्ट में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया काफी सुस्त है। जिले में अब तक कुल क्0फ्0 फूड बिजनेस ऑपरेटर्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, वहीं 7फ्0 लाइसेंस ही इश्यू किए गए हैं।

फूड सेफ्टी ऑफिसर नहीं होने की वजह से परेशानी हो रही है। पीएचसी के प्रभारियों को भी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई है। होली को देखते हुए अभी तक विशेष अभियान नहीं चलाया जा सका है।

-डॉ केसी मुंडा, एसीएमओ, ईस्ट सिंहभूम