दैनिक जागरण आई कंसर्न

- वायरल के सीजन में इंफ्लुएंजा वैक्सीन के इस्तेमाल पर डॉक्टर्स में कई मतभेद

-वैक्सीन के असर और अलग-अलग वायरस पर स्ट्रेन को लेकर स्थिति साफ नहीं

KANPUR: स्वाइन फ्लू, मलेरिया, डेंगू, इंसेफलाइटिस, टायफाइड जैसी बीमारियों को फैलाने वाले सैकड़ों वायरस के लिए आखिर कौन सी इंफ्लुएंजा वैक्सीन कारगर है? यह सवाल आम आदमी से लेकर डॉक्टर्स को भी परेशान करता है। इसके बाद भी बाजार में बीमारियों का सीजन आते ही कई तरह की इंफ्लुएंजा वैक्सीन लगवाने को लेकर अक्सर कई डॉक्टर्स कहते हैं, लेकिन क्या ये वैक्सीन असल में इन बीमारियों को फैलाने वाले वायरस पर असर करती हैं? इसको लेकर डॉक्टर्स में भी मतभेद है। सिटी में स्वाइन फ्लू के मरीज मिलने के बाद अब एचक्एनक् वैक्सीन के असर को लेकर भी डॉक्टर्स भी असमंजस में हैं।

इंफ्लुएंजा वैक्सीन िकतनी दमदार

एचक्एनक् वैक्सीन या इंफ्लुएंजा वैक्सीन को लेकर डॉक्टर्स की अलग अलग राय है। बच्चों में और अडल्ट में यह वैक्सीन कब लगवाई जाए यह भी तय नहीं है। जैसा कि इस बार वायरल का सीजन शुरू होने के साथ डेंगू व स्वाइन फ्लू भी तीन महीने पहले ही आ गया। फार्मासिस्ट प्रदीप सिंह बताते हैं कि कोई भी इंफ्लुएंजा वायरस के असर को खत्म करने के लिए जो वैक्सीन आती है। उन्हें समय समय पर अपडेट करने की जरूरत होती है। क्योंकि वायरस स्ट्रेन हर साल या दो से तीन साल में बदल जाता है।

वैक्सीन को अपडेट करना जरूरी

इसके अलावा एक वैक्सीन एक समय में तीन से चार स्ट्रेन से ही लड़ सकती है। ऐसे में इन वैक्सीन को अपडेट करना बेहद जरूरी होता है। वैक्सीन लगाने के बाद भी इसका असर होने में कम से कम दो हफ्ते का समय लगता है। इस दौरान वायरस से इंफेक्ट होने का खतरा बना ही रहता है।

इन ब्रांड नेम से इंफ्लुएंजा वैक्सीन-

फ्लूआरिक्स वैक्सीन, लुपेंजा वैक्सीन, इनफ्लूजिन, इनफ्लूवैक, एग्रीपल, नैसोवेक,वैक्सीग्रिप

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किस एंटीजिन पर कौन सी वैक्सीन प्रभावी

दरअसल वायरस तीन तरह के एंटीजिन में फैलता है। टाइप ए, बी और सी में वायरस के प्रभाव और बुखार के असर को बांटा गया है। ए और बी एंटीजिन सबसे ज्यादा असर करते हैं वहीं सी एंटीजिन बेहद रेयर होता है। फ्लू में दी जाने वाली वैक्सीन ऑप्शन होती है। जिन्हें बच्चों व एडल्ट्स दोनों में समय व जरूरत के हिसाब से दिया जाता है। मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग के एंटीजिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। अंबरीश गुप्ता के मुताबिक इंफ्लुएंजा वैक्सीन को अगर समय पर दिया जाए तो कई तरह के वायरस के प्रभाव को वह जरूर कम कर देती है। अगर पेशेंट को कोई सेकेंड्री इंफेक्शन है तो इसका असर कम हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज, हार्ट व कैंसर पेशेंट, किडनी पेशेंट या एचआईवी पॉजिटिव पेशेंट्स में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से वैक्सीन के सीमित नजीते मिलते हैं।

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'इंफ्लुएंजा वैक्सीन को अगर सही समय पर लगाया जाए तो वह असर करती है। सेकेंड्री इंफेक्शन होने पर इसके प्रभाव सीमित हैं। ऐसे में अगर पेशेंट को पहले ही लंग्स या किसी दूसरे आर्गन में प्रॉब्लम है तो वायरस का ज्यादा असर पड़ता है.'

- डॉ। एसके गौतम, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज