- सेंट्रल जेल के फरार दो कैदियों का पुलिस अब तक नहीं लगा सकी पता

- एक भागा था बीएचयू हॉस्पिटल से, दूसरा फैजाबाद से लौटते वक्त हुआ था नौ दो ग्यारह

VARANASI: पुलिस अपने काम को लेकर कितनी सीरियस है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेंट्रल जेल में सजा काट रहे दो कैदियों के फरार होने के हफ्ते भर बाद भी पुलिस दोनों में से किसी एक के बारे में भी अब तक कोई अहम जानकारी नहीं जुटा सकी है। बीएचयू के नेस्ट्रोलॉजी विभाग से इलाज के दौरान फरार जहीरुल हक और फैजाबाद पेशी पर से लौटते वक्त गोसाईगंज रेलवे स्टेशन से फरार कैदी उमाकांत दीक्षित का पता लगाने में पुलिस अब तक फेल है। हालांकि क्राइम ब्रांच के खुफिया सूत्रों के मुताबिक दोनों फरार कैदियों के मुम्बई में होने की सूचना मिली है लेकिन सूचना पुख्ता न होने के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है।

लापरवाही का है नतीजा

सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को स्पेशल ट्रीटमेंट मिलने और बंदीरक्षकों की मिलीभगत से कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं की बातें किसी से छिपी नहीं हैं। अमरमणि त्रिपाठी से लेकर जेल में बंद अन्य दूसरे बाहुबलियों को जेल के अंदर ही तमाम सुविधाएं मिलती रही हैं। वहीं जेल में बंद कैदी पेशी पर आने के दौरान कई बार अपने परिजनों और अन्य लोगों से मिलते-जुलते भी रहे हैं। यही वजह है कि बंदीरक्षकों की लापरवाही से कैदी फरार हो रहे हैं। बीएचयू अस्पताल से फरार जहीरुल हक और गोसाईगंज से फरार दूसरे कैदी उमाकांत मामले में भी जांच के दौरान बंदीरक्षकों और स्कॉट की लापरवाही सामने आई है। जिसके बाद पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।

पहले गोरखपुर और अब मुम्बई

हालांकि पुलिस या जेल प्रशासन फरार कैदियों को लेकर कुछ सटीक बताने की कंडीशन में नहीं है लेकिन मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच को कुछ क्लू मिले हैं। सूत्रों की मानें तो बीएचयू से फरार कैदी जहीरुल की लोकेशन फरार होने के ख्ब् घंटे बाद गोरखपुर में मिली थी। जबकि प्रेजेंट में जहीरुल और दूसरे फरार कैदी उमाकांत की लोकेशन मुम्बई हो सकती है। दरअसल क्राइम ब्रांच को ये जानकारी दोनों कैदियों के परिजनों के उन नंबर्स से मिली हैं। जिनको पुलिस सर्विलांस पर ट्रेस कर रही है। दोनों फरार कैदियों के परिजनों के नंबर्स पर मुम्बई से कई कॉल्स आई हैं। इसके बाद पुलिस टीम अब मुम्बई रवाना होने की तैयारी में है।