-बालू की कमी के कारण ठेका होने के बाद भी रुका सड़क व गलियों की मरम्मत का काम, लोगों ने बन रहे घरों के वर्क को भी रुकवाया

-निकाय चुनाव के नजदीक होने के कारण गलियों की मरम्मत रुकने से पार्षदों की भी बढ़ी परेशानी

VARANASI

सीएम के क्भ् जून तक सड़कों को गढ्डा मुक्त करने का आदेश निर्धारित डेट तक पूरा हो पायेगा या नहीं ये सवाल अब हर किसी को परेशान करने लगा है। क्योंकि बालू खनन पर लगी रोक से एक ओर जहां सड़कों पर निर्माण कार्य कछुए की चाल से आगे बढ़ रहा है वहीं गलियों के हालात बद से बदतर हो चुके हैं। आईपीडीएस के तहत हुई खोदाई के बाद गलियों की मरम्मत दो महीने से रुकी पड़ी है। ठेकेदार गलियों को दुरुस्त कराने का ठेका तो बालू के पुराने रेट के आधार पर ले चुके हैं लेकिन अब अचानक बालू का संकट पैदा होने के बाद बढ़े रेट पर बालू खरीदकर गलियों व सड़कों को दुरुस्त कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

ओवरलोडिंग पर रोक भी दे रहा दर्द

बालू खनन पर रोक से तो हालात बिगड़े ही हैं। साथ में गाडि़यों पर ओवरलोडिंग पर लगाई गई रोक ने भी इस प्रॉब्लम को और बढ़ा दिया है। इस वजह से सड़कों और गलियों के साथ अपने सपनों के आशियाने का निर्माण करा रहे लोगों को भी न बालू मिल रहा है और न ही गिट्टी। जिसके कारण कई लोगों ने अपने कंस्ट्रक्शन वर्क तक रुकवा दिए हैं।

बढ़ गया ट्रांसपोर्ट चार्ज

बालू खनन के साथ ओवरलोडिंग पर रोक से ट्रांसपोटर्र खेल करने लगे हैं। चोरी छिपे माल लाने के नाम पर मनमाना रेट वसूल रहे हैं। इस कारण बालू के साथ गिट्टी, स्टील, रेता, बजरी व सीमेंट के रेट पर भी असर पड़ा है। मार्च माह में बालू फ्0 से फ्भ् रुपये प्रति घनफीट था जबकि इस समय 80 से 90 रुपये प्रति घनफीट पहुंच गया है। गिट्टी ख्0 एमएम भ्8 रुपये प्रति घनफीट से 8भ् रुपये प्रति घनफीट बिक रही है। गिट्टी क्0 एमएम ब्0 रुपये प्रति घनफीट से बढ़कर म्भ् रुपये में मिल रही है। स्टील फ्8 हजार रुपये प्रति टन से बढ़कर ब्ब् हजार पांच सौ प्रति टन के भाव से बिक रहा है। सीमेंट में प्रति बोरी भ्0 रुपये की उछाल आई है। वर्तमान में सीमेंट फ्भ्0 रुपये प्रति बोरी बिक रहा है।

दिक्कत बहुत बढ़ गई है। गलियों की मरम्मत अगर नहीं हुई तो बरसात में काफी परेशानी होगी। बार बार अधिकारियों से कहने पर जवाब मिलता है बालू ही नहीं है। अब कैसे पब्लिक को समझाये ये समझ नहीं आ रहा है।

रविकांत विश्वकर्मा, पार्षद

बालू खनन पर रोक के कारण विकास कार्य प्रभावित हुआ है। खराब सड़क और गलियों की मरम्मत का ठेका लेने के बाद भी ठेकेदार बालू न होने की बात कहकर काम नहीं कर रहा है।

बृज किशोर दास, पार्षद

गंगा बालू आ ही नहीं रहा है। जिनको बहुत जरूरत है उनको तीन गुना दाम देकर खरीदना पड़ रहा है। मार्च तक सब ठीक था। नई सरकार बनने के बाद खनन और ओवरलोडिंग पर रोक से हालात बिगड़े हैं।

दीपू कपूरिया, बिल्डिंग मैटीरियल कारोबारी

बालू खनन और ओवरलोडिंग पर लगी रोक ने सरकारी विभागों संग आम लोगों को भी परेशान कर दिया है। अपने सपने का घर बनवा रहे लोगों को कामे पूरा कराने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

अनुज डिडवानिया

अध्यक्ष, वाराणसी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स एसोसिएशन