शहर में सोमवार को स्वामी अविमुक्तानंद के नेतृत्व में कुछ लोगों ने रैली निकाली।

पुलिस का कहना है कि इस दौरान नाराज़ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और वाहनों में आग लगानी शुरू कर दी।

ये रैली 22 सितंबर को हुए लाठी चार्ज के विरोध में थी, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ये साधु गणेश प्रतिमा का विसर्जन गंगा में करना चाह रहे थे और पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी ने बीबीसी को बताया कि सोमवार को जुलूस के दौरान लाठीचार्ज की अफवाह पर भगदड़ की स्थिति बन गई।

उन्होंने बताया कि कुछ वक़्त के लिए कुछ इलाके में कर्फ्यू लगाया गया जिसे अब हटा लिया गया है।

'हालात नियंत्रण में'

उन्होंने बताया कि हमले में आधा दर्जन से ज़्यादा पुलिसवाले घायल हुए हैं।

उन्होंने बताया, "जिस वक्त जुलूस जा रहा था। उसी दौरान दो सांड आपस में भिड़ गए। उसी को लेकर भगदड़ हो गई। जुलूस में कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी कि पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया है। इसके बाद लोगों ने पुलिस पर अटैक कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई करके उनको वहां से खदेड़ा।"

एसएसपी ने बताया, "अराजक तत्वों ने छह से सात वाहन फूंक दिए। सात-आठ पुलिसकर्मियों को चोट आई है। तीस के करीब लोग गिरफ्तार किए गए हैं। अभी स्थिति सामान्य है।"

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।

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