- शासन के प्रस्ताव पर डीएम बी। चंद्रकला ने जताई सहमति

-विभिन्न विभागों और प्रदेश मुख्यालय से बढ़ेगा को-ऑर्डिनेशन

- कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ की मांग पर सरकार कर रही सर्वे

अखिल कुमार

Meerut । कलक्ट्रेट कार्यालय को अब मिनी सचिवालय के नाम से जाना जाएगा। उप्र मिनिस्ट्रियल कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ के इस प्रस्ताव पर डीएम बी। चंद्रकला ने मुहर लगा दी है। गौरतलब है कि शासन ने सूबे के सभी डीएम से उनके विचार मांगे थे। मिनी सचिवालय घोषित होने के बाद शासन की योजनाओं को विभिन्न विभागों के माध्यम से सुगमता से लागू किया जा सकेगा।

डीएम ने की संस्तुति

उप्र कलक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ कलक्ट्रेट कार्यालय का बदलकर जनपद सचिवालय (मिनी सचिवालय) रखने को लेकर दबाव बना रहा है। राजस्व परिषद अनुभाग-12 की ओर से 14 सितंबर को जारी पत्र में सूबे के सभी जनपद जिलाधिकारी को जारी पत्र में इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर स्पष्ट अभिमत देने के निर्देश दिए गए थे। पत्र के जबाव में डीएम मेरठ बी। चंद्रकला ने मिनी सचिवालय की वकालत करते हुए शासन को लिखा कि संघ की मांग औचित्यपूर्ण है और वे कलक्ट्रेट कार्यालय को मिनी सचिवालय घोषित करने की प्रबल संस्तुति करतीं हैं।

बढ़ेगा कलक्ट्रेट का कद

शासन को लिखे अपने पत्र में डीएम ने कहा कि जनपद स्तर पर डीएम शासन का प्रतिनिधित्व करता है और शासन की विकास योजनाओं, कानून एवं शांति व्यवस्था को बहाल करने का काम करता है। शासन द्वारा लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन का जिम्मा भी जनपद स्तर पर जिलाधिकारी का होता है। जनपद स्तर पर कलक्ट्रेट विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शासन के सचिवालय की भांति कार्य को निपटाते हैं इसलिए कलक्ट्रेट कार्यालय को मिनी सचिवालय घोषित किया जाना उचित है।

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कलक्ट्रेट कार्यालय को जनपद सचिवालय घोषित किया जाता है तो उससे जनपद स्तर पर शासन की योजनाओं को विभिन्न विभागों के माध्यम से और सुगमता से लागू किया जा सकेगा।

-बी। चंद्रकला, जिलाधिकारी, मेरठ