गंगा को निर्मल करने के लिए वरुणा का उद्धार है जरूरी, वरुणा के लिए हर वर्ग को आना होगा आगे

कमिश्नर की अध्यक्षता वरुणा कॉरीडोर के कंसल्टेंट ने किया पूरे प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन

VARANASI

अतिक्रमण की जद में आयी वरुणा नदी पर कॉरीडोर का काम काफी कठिन है। इसमें तकनीकी, प्रशासनिक और अतिक्रमण की भारी दिक्कत है। कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ये जानाकारी देते हुए कहा कि गंगा समेत दुनिया में नदियों की सफाई और रीवर फ्रंट पर काम हो रहा है। लेकिन वरुणा पर काम करना चुनौती है। जो हर काशीवासी के लिए भी है।

सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में वरुणा को स्वच्छ किया जाना है इससे गंगा भी निर्मल होगी। कमिश्नर ने बताया कि कारीडोर के फ‌र्स्ट फेज में गंगा के संगम आदिकेशव घाट से अपस्ट्रीम में क्ख् किलोमीटर तक ड्रेजिंग कर सुंदरीकरण के कार्य होगा। कमिश्नरी सभागार में शनिवार को वरुणा कारीडोर पर एक प्रेजेंटेशन किया गया है। जिसमें कंसल्टेंट कंपनी एईकाम के एसोसिएट डायरेक्टर अभिषेक मल्होत्रा ने पर नगर आयुक्त एसपी शाही, वीडीए सचिव एमपी सिंह, एसडीएम सदर त्रिभुवन राम, सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद सिंह मौजूद रहे।

ख्क्9 करोड़ का डीपीआर तैयार

वरुणा कारीडोर के लिए प्रदेश सरकार ने बजट में ख्भ् करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इसमें से क्क् करोड़ रुपये जारी हो गये है। फ‌र्स्ट फेज में ख्क्9 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार है। दो मई को सिंचाई सचिव की लखनऊ में होने वाली बैठक में तय होगा कि धन की व्यवस्था किस मद से की जाएगी।

किनारे पर बनेगा ड्रेन

वरुणा नदी में शहर के क्ख् किलोमीटर के इलाके में क्ब् बडे़ नाले और सैकड़ों घरों का सीवर सीधे गिरता है। इसके लिए नदी के दोनों किनारे पर इंटरसेप्टर ड्रेन पाइप लाइन डाली जाएगी जिसे गोइठहा और दीनापुर एसटीपी से जोड़ा जाएगा। जरूरत पड़ने पर पंपिंग स्टेशन भी बनेगा।