- काम को लटकाना रजिस्ट्रार को पड़ गया भारी,

- कार्यप्रणाली पर रजिस्ट्रार को किया कार्यमुक्त

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में चुनाव को लेकर पहले ही चिंता की लकीरें नजर आ रही थीं। वहीं मंगलवार को रजिस्ट्रार ने एक तरफ प्रशासन के साथ मीटिंग की और दूसरी तरफ उनकी अनियमितताओं को देखते हुए वाइस चांसलर ने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया। यूनिवर्सिटी में चुनाव को लेकर होने वाली मीटिंग में जमकर बहस हुई और रजिस्ट्रार पर इसकी गाज गिर गई। उनको कार्यमुक्त करते हुए मामला शासन को भेज दिया गया।

यह है मामला

मंगलवार को यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनावों को लेकर प्रशासन के साथ यूनिवर्सिटी प्रशासन की मीटिंग आयोजित की गई थी। जिसमें छात्र संघ के वार्षिक निर्वाचन की डेट तीन नवंबर को लेकर चर्चा हुई। जिसमें कानून व्यवस्था को लेकर बातचीत हुई और त्योहारों के मद्देनजर पुलिस व्यवस्था समस्या सामने आई। इसके साथ ही तय हुआ कि चुनाव इस डेट पर नहीं हो सकते। क्योंकि इससे पहले त्योहारों पर घटनाएं होती हैं। जिसको लेकर कानून व्यवस्था को संभालने की जरूरत होती है। इस पर डेट छह नवंबर के बाद होने तय हुए। जिसमें एडीएम सिटी एसके दूबे ने सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को इस संबंध में रजिस्ट्रार के माध्यम से लेटर भी भेज दिया।

गिर गई गाज

एक तरफ रजिस्ट्रार मनोज कुमार प्रशासनिक मीटिंग से लौटकर यूनिवर्सिटी पहुंचे और वहां वीसी व अन्य अधिकारियों के साथ चुनाव की डेट को लेकर मीटिंग शुरू हो गई। इसके साथ ही मीटिंग में रजिस्ट्रार के द्वारा काम को लटकाए जाने संबंधी बात आई। जिस पर मामला काफी बिगड़ गया। उनके खिलाफ पहले ही अधिकारियों और कर्मचारियों ने शिकायत की हुई थी। आज यह मामला और तूल पकड़ गया। जिससे उनकी कमियों पर सबकी भड़ास निकलकर सामने आ गई। वीसी से रजिस्ट्रार के खिलाफ मामलों को लटकाए रखने की गंभीर समस्या पर पहले भी बात हो चुकी थी। आखिर में वीसी को गुस्सा आया और उन्होंने रजिस्ट्रार को उनके कार्य से मुक्त कर दिया।

यह गिनवाई कमियां

वाइस चांसलर वीसी गोयल के अनुसार रजिस्ट्रार को उनके कार्य से मुक्त कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब उनकी जगह सीनियर मोस्ट पर्सन को उनके काम सौंपे जाएंगे। जब तक कोई रजिस्ट्रार नियुक्त नही किया जाता। वीसी का कहना है कि रजिस्ट्रार के खिलाफ काम को टालने की शिकायत मिलती रहती थी। स्टूडेंट्स को उकसाने और अधिकारियों के कामों को लंबा खींचने की शिकायत थी। हमेशा काम मे देरी करते थे। यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया पूरी तरह से चौपट सी हो गई थी। अधिकारियों ने उनके खिलाफ पहले भी कई बार शिकायत की थी। अब सामने आ गई। जिसको लेकर उन्हें उनके काम से कार्य मुक्त कर दिया गया है।