RANCHI : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स के कैपस में बनाए गए शेड में कई गाडि़यां खड़ी-खड़ी सड़ रही है। इन्हें न तो बनवाने के लिए गैराज में भेजा जा रहा है और न ही इन्हें कबाड़ में बेचा जा रहा है। इससे रिम्स प्रबंधन की लापरवाही का पता चलता है। नई गाडि़यों के आ जाने के बाद तो इन्हें सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। प्रभारी ने पूछने पर बताया कि इनकी बिक्री के लिए कोई ऑर्डर नहीं निकाला गया है।

शेड में महीनों से खड़ी है गाडि़यां

कैंपस में एंबुलेंस और शव वाहनों के लिए बनाए गए शेड में कई गाडि़यां कबाड़ में तब्दील हो चुकी है। उन गाडि़यों की मरम्मत भी नहीं हो सकती है। ऐसे में शेड में रखकर गाडि़यों को सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। जिनमें दो एंबेसडर कारें है। जो डायरेक्टर के चलने के लिए थे। खराब होने के बाद कई बार गैराज में भेजा गया पर पा‌र्ट्स नहीं मिलने की वजह से इसकी मरम्मत नहीं हो पाई। वहीं एक शव वाहन भी बदहाल स्थिति में शेड में खड़ा है। इसके साथ ही एक व्हीकल ट्राली भी सड़ रहा है।

बाहर खड़े रहते है कई एंबुलेंस

हस्पिटल के लिए मंगाए गए एंबुलेंस वैन शेड में जगह नहीं होने की वजह से बाहर ही खड़े रहते है। अगर वहां से इन गाडि़यों को हटा दिया जाए तो बाहर खड़े एंबुलेंस को रखने की जगह बन जाएगी।

मैनेजमेंट को नहीं कोई मतलब

डायरेक्टर के चलने के लिए जो एंबेसडर थी उसे नए डायरेक्टर के आने के बाद ऑफिशियल काम के लिए रखा गया था। लेकिन खराब हो जाने के बाद उसे ठीक कराने की पहल नहीं की गई। नई गाड़ी के आ जाने पर लोगों ने उस पर ध्यान ही देना छोड़ दिया। इसके बाद कई बार रिम्स से कबाड़ की बिक्री हुई लेकिन सड़ रही ये गाडि़यां अपनी जगह पर टिकी है। प्रबंधन को इन गाडि़यों को वहां से हटाना चाहिए ताकि जगह खाली हो और अन्य गाडि़यां वहां लगाई जा सके।