- मंच पर अखिलेश और शिवपाल में धक्का-मुक्की, हालात बेकाबू

- आशू मलिक के आते ही बिगड़ी बात, कोई नहीं झुकने को तैयार

- मुलायम नहीं पूरा कर सके संबोधन, कड़ी सुरक्षा में गये वापस

LUCKNOW: समाजवादी पार्टी में चल रही रार सोमवार को अबतक के सबसे बड़े दंगल में तब्दील हो गयी है। रविवार को शिवपाल समेत चार मंत्रियों की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और उसके जवाब में प्रोफेसर रामगोपाल यादव का छह साल के लिए पार्टी से निष्कासन होने के बाद सोमवार को सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सपा मुख्यालय पर आयोजित बैठक में अखिलेश और शिवपाल के बीच सुलह कराने की कोशिश की। उन्होंने दोनों को गले भी मिलवाया, लेकिन चंद मिनट बाद मुसलमानों द्वारा भेजी गयी एक चिट्ठी का जिक्र होते ही मंच पर अखिलेश और शिवपाल आपस में भिड़ गये। दोनों के बीच जमकर तनातनी भी हुई। मंच पर हंगामा शुरू होते ही अखिलेश, मुलायम समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं को सुरक्षाकर्मियों ने आनन-फानन में पार्टी कार्यालय से बाहर निकाला।

टीम अखिलेश के नये विलेन अाशु मलिक

अमर सिंह के बाद अब एमएलसी आशु मलिक टीम अखिलेश के नये विलेन के तौर पर उभरे हैं। दरअसल मुलायम ने जैसे ही मंच से कहा कि मुझे कुछ मुसलमानों ने चिट्ठी लिखकर कहा कि आपका बेटा चाहता है कि मुसलमान सपा से दूर हो जाएं। इस पर पीछे बैठे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगे आकर कहा कि मुझे वह चिट्ठी चाहिए। इसके बाद अखिलेश ने माइक लेकर कहा कि ऐसे ही अमर सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार के फ्रंट पेज पर खबर लिखवाई जिसमें मुझे औरंगजेब और नेताजी को शाहजहां बताया गया। आशू मलिक सामने खड़ा है, वह यह बात जानता है। मुख्यमंत्री का इशारा मिलते ही आशू मलिक मंच पर आ गये और मुख्यमंत्री के पास जाकर उन्हें शांत रहने को कहने लगे। अचानक शिवपाल सिंह यादव भी कुर्सी छोड़कर डायस पर आ गये और अखिलेश से माइक छीनकर कहा कि यह सब झूठ है, मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। यह सब देखकर कार्यकर्ता उत्तेजित हो गये और मंच पर भी अफरा-तफरी मच गयी। बमुश्किल मुख्यमंत्री, मुलायम समेत तमाम नेताओं को गाडि़यों से पार्टी कार्यालय से बाहर किया गया।

आशू मलिक काे भी बचाया

पार्टी कार्यालय में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मुख्यमंत्री जैसे ही अपनी कार में सवार होने लगे, आशु मलिक ने फिर उनके पास आकर बात करने की कोशिश की। पीछे कार्यकर्ता आशु मलिक को उनके हवाले करने की मांग कर रहे थे। यह देख मुख्यमंत्री ने आशु मलिक को अपनी गाड़ी में बैठाया और साथ लेकर फाइव केडी चले गये। बाद में मुख्यमंत्री ने कुछ विधायकों से कहा कि उन्होंने मंच पर आशु मलिक को सच बताने के लिए बुलाया था, लेकिन अफरा-तफरी की वजह से वह बोल नहीं सके।

सुबह से शुरू था उपद्रव

मुलायम द्वारा बुलाई गयी बैठक में सुबह से बवाल शुरू हो गया था। पार्टी मुख्यालय के बाहर अखिलेश और शिवपाल के समर्थक आमने-सामने आ गये और उनके बीच जमकर मारपीट भी हुई। नजारा देख राजधानी के तमाम थानों की पुलिस और पीएसी वहां बुलाई गयी। खुद एडीजी एलओ दलजीत सिंह चौधरी आईजी ए। सतीश गणेश, डीआईजी आरकेएस राठौर और एसएसपी मंजिल सैनी ने मोर्चा संभाला। इस बीच कड़ी सुरक्षा में नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी मुख्यालय के भीतर भेजा गया। वहीं मीडिया की इंट्री पूरी तरह बैन कर दी गयी।

शिवपाल समर्थकों ने की नारेबाजी

बैठक खत्म होने के बाद शिवपाल सिंह यादव प्रदेश कार्यालय में ही रुके रहे। उनके कमरे के बाहर सैंकड़ों समर्थक लगातार नारेबाजी कर रहे थे। करीब एक घंटे तक कार्यालय में रहने के बाद उन्होंने मुलायम सिंह यादव के घर का रुख किया। मुलायम ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी बुलाया और दोनों के बीच एक बार फिर सुलह कराने की कोश्ि1ाश की।

नेताओं पर होगी कार्रवाई

पार्टी की अहम बैठक में अप्रत्याशित घटना से नाराज मुलायम ने ऐसे सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चिन्हित करने को कहा है जो बैठक के दौरान लगातार नारेबाजी और हूटिंग कर रहे थे। शिवपाल के संबोधन के दौरान तो उन्होंने अनुशासनहीनता की सारी हदें पार कर दी थी। उनकी नारेबाजी से त्रस्त आकर मुलायम को भी उन्हें कई बार डांटना पड़ा था। मुलायम के निर्देश पर शिवपाल ने ऐसे सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर सूची बनाना शुरू कर दिया है। जल्द ही उन्हें भी पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा।