सिर्फ प्रोजेक्ट नहीं बल्कि शहर बसेगा

सूत्रों के मुताबिक 100 हेक्टेयर इलाके में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण की आधुनिक फैक्ट्री के अलावा लगभग 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारियों की तैनाती होगी। इनमें रिसर्च करने वालों से लेकर निर्माण से जुड़े श्रमिक, अधिकारी, इंजीनियर्स व मैदानी अमला शामिल होगा। 50 हजार लोगों के रहने लायक भवनों, परिसर का निर्माण किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से ब्रह्मोस प्रबंधन ने शासन को प्रोजेक्ट में मदद करने के लिए अलग से प्रशासनिक अफसरों को तैनात करने पत्र लिखा है, क्योंकि प्रोजेक्ट से जुड़े निर्माण कार्यों में कई साल तक अफसरों की मदद ली जाएगी। बिजली, पानी, सड़क निर्माण से जुड़े कार्य सीधे तौर पर आर्मी के कोर एरिया में ही पूरे किए जाएंगे। इसके भीतर जाने की अनुमति किसी को नहीं मिलेगी।

 

जिले की सामरिक क्षमता ऐसे बढ़ेगी

डुमना एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है जिससे साल 2020 तक बड़े यात्री व मालवाहक विमानों की आवाजाही होने लगेगी। एयरपोर्ट के रनवे का उपयोग आर्मी कर सकेगी। जिले में सीओडी यानी सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो में भंडारण की सुविधा भी है, जिससे देश के किसी भी कोने में मिसाइल को भेजा जा सकता है। सीओडी के अलावा बोफोर्स निर्माण केंद्र, आर्मी के वाहनों सहित सैन्य शक्ति से जुड़े विभिन्न तरह के विस्फोटकों का निर्माण आयुध निर्माणियों में किया जा रहा है। देश व उसकी सीमाओं में आने-जाने वाले सभी विमानों की निगरानी के लिए जबलपुर में रेडार एयरबेस का निर्माण चल रहा है।

बर्थडे मनाने आगरा जा रहे AIIMS के 3 डॉक्टरों की रोड एक्सीडेंट में दर्दनाक मौत, 4 गंभीर रूप से घायल

National News inextlive from India News Desk