-इंडस्ट्रीयल पीस के लिए उन्हें वर्ष 1989 में एक्सएलआरआई द्वारा सर जहांगीर गांधी मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया

-आज भी यूनियन के पदाधिकारी उनके नक्शे कदम पर चलने की कसमें खाते हैं

JAMSHEDPUR : वैसे तो सिटी में कई मजदूर नेता हुए हैं, लेकिन आज भी टाटा वर्कर्स यूनियन के प्रेसिडेंट व मजदूर नेता वलाडी गणपति गोपाल (वीजी गोपाल) को मजदूर याद जरूर करते हैं। ख्0 दिसंबर क्9क्7 को सिटी में ही जन्मे वीजी गोपाल ने मिसेज केएमपीएम स्कूल से पढ़ाई पूरी की और अनुसचिविय वर्ग के कर्मचारी के रूप में टाटा स्टील ज्वाइन किया और बाद में मजदूर सेवा के लिए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था।

भ्भ् सालों तक की मजदूर सेवा

वीजी गोपाल ने भ्भ् सालों तक मजदूरों की सेवा की और उन्होंने औद्योगिक शांति व संबंध को कायम रखने में बेहतर रोल प्ले किया। उन्होंने औद्योगिक शांति बहाल रखने के लिए मजदूरों को उद्योग का एक पार्ट समझने की भी बात कही थी। इंडस्ट्रीयल पीस के लिए उन्हें वर्ष क्989 में एक्सएलआरआई द्वारा सर जहांगीर गांधी मेमोरियल अवार्ड भी प्रदान किया गया। आज भी यूनियन के पदाधिकारी उनके नक्शे कदम पर चलने की कसमें खाते हैं और अपनी कार्यशैली व मजदूर सेवा के कारण वे उनके दिलों पर अब भी राज कर रहे हैं।

मजदूर सेवा के नाम किया अपना जीवन

गोपाल बाबू के नाम से जाने जाने वाले वीजी गोपाल की क्9ब्ख् के भारत छोड़ो आंदोलन में भी अहम भूमिका रही है। वे वर्ष क्9ब्7 तक टाटा वर्कर्स यूनियन के असिस्टेंट सेक्रेटरी रहे थे। उनके मन में मजदूर सेवा की ऐसी भावना थी कि वर्ष क्9ब्म् में उन्होंने टाटा स्टील से रिजाइन कर दिया और प्रो। अब्दुल बारी की हत्या के बाद वे यूनियन के जेनरल सेक्रेटरी बन गए। वर्ष क्9भ्म् में आईएलओ द्वारा आयोजित सेमिनार में मेक्सिको में भारत प्रतनिधित्व किया। इसके बाद क्9भ्ख् में वे राज्यसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद वर्ष क्977 से क्99फ् तक वे यूनियन के प्रेसिडेंट रहे। क्ब् अक्टूबर क्99फ् को क्ख्.0भ् बजे यूनियन परिसर में ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।