RANCHI : चान्हो के सिलागाईं में मंगलवार को हुई हिंसा के विरोध में गुरुवार को बुलाए गए रांची बंद के दौरान बंद समर्थकों ने जमकर हुड़दंग किया। बंद समर्थकों से निपटने के लिए शहर के कई इलाकों में पुलिस को लाठी चार्ज तक करना पड़ा। रांची डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन भी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। डीसी विनय कुमार चौबे और एसएसपी प्रभात कुमार खुद घूम-घूमकर बंद का जायजा ले रहे थे। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की ओर जारी निषेधाज्ञा के मद्देनजर एक जगह पांच से ज्यादा लोगों के जमा होने पर कार्रवाई की जा रही थी।

सड़क पर उतरे बंद समर्थक

रांची बंद को सफल बनाने के लिए गुरुवार की सुबह ही हिंदू एवं सरना आदिवासी संगठनों से जुड़े लोग सड़क पर उतर आए थे। अल्बर्ट एक्का चौक, सुजाता चौक, सर्कुलर रोड, लालपुर, कचहरी रोड और डोरंडा समेत कई इलाकों में बंद समर्थकों ने जबरन दुकानें बंद करा दी। इसके अलावे कई जगहों पर सड़क के बीच में टायर जलाकर यातायात को बाधित कर दिया गया। बंद समर्थक सड़कों पर जमकर नारेबाजी भी कर रहे थे।

500 गिरफ्तार, देर शाम रिहा

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत अनेक कई और संगठनों के द्वारा आहूत बंद के दौरान पांच सौ के करीब बंद समर्थक गिरफ्तार किए गए। गिरफ्तारी देनेवालों में विधानसभा के एक्स स्पीकर व एमएलए सीपी सिंह, भाजपा के संजय सेठ, दीपक प्रकाश, खूबलाल कुमार, रिंकू शाहदेव, संजय जायसवाल, भाजपा जिला युवा मोर्चा के सत्यनारायण सिंह, गामा सिंह, विश्व हिंदू परिषद के गंगा प्रसाद यादव प्रमुख हैं। बंद समर्थकों को गिरफ्तार कर मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में लाया गया, जहां से गुरुवार की देर शाम सभी को पीआर बांड पर छोड़ दिया गया।

दिनभर अलर्ट रही पुलिस

बंद के दौरान लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने व बंद समर्थकों से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह अलर्ट थी। सुबह से देर शाम तक चौक-चौराहों पर स्टैटिक फोर्स के साथ पुलिस की पेट्रोलिंग लगातार जारी रही। इसी सिलसिले में लालपुर पुलिस जब जेल मोड़ के पास पेट्रोलिंग पर थी तो आदिवासी हॉस्टल से छात्रों का हुजूम सड़कों पर उतरा। ये सिलागाईं हिंसा का विरोध करते हुए सड़कों पर उत्पात मचा रहे थे। इन्हें पुलिस ने पहले समझाने की कोशिश की। जब वे नहीं माने से पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। लाठी चार्ज होते ही स्टूडेंट्स वापस हॉस्टल में घुस गए। इसके बाद वहां पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया।

डीएसपी ने उठा ली लाठी

बंद समर्थकों का हुजूम जब अल्बर्ट एक्का चौक से डेली मार्केट की ओर बढ़ रहा था तो वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। बंद समर्थक रूकने को तैयार नहीं थे, ऐसे में डीएसपी दीपक अंबष्ठ ने लाठी उठा ली। उनकी लाठी से वहां मौजूद एक युवक को चोट भी लग गई। गौरतलब है कि बंद समर्थकों द्वारा यहां हुड़दंग किए जाने की आशंका के मद्देनजर डीसी विनय कुमार चौबे, एसएसपी प्रभात कुमार और सिटी एसपी अनुप कुमार बिरथरे के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस फोर्स यहां पहले से मौजूद थी।

500 से ज्यादा जवान तैनात

रांची बंद से निपटने के लिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की चाक-चौबंद व्यवस्था थी। शहर के संवेदनशील समेत कई इलाकों में 60 मजिस्ट्रेट और पांच सौ के करीब जवानों को तैनात किया गया था। इसके अलावे पेट्रोलिंग के लिए 13 टीम बनाई गई थी, जो दिनभर स्थिति पर नजर रखी हुई थी। डीआईजी प्रवीण कुमार, डीसी विनय कुमार चौबे और एसएसपी प्रभात कुमार खुद सड़कों पर निकलकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे थे।

डीआईजी ने एसआई को डपटा

रांची बंद को देखते हुए गुरुवार की सुबह छह बजे से ही डीआईजी प्रवीण कुमार वायरलेस पर पुलिस ऑफिसर्स के लोकेशन की जानकारी लेनी शुरू कर दी थी। लॉ एंड ऑर्डर को लेकर वे पुलिस ऑफिशियल्स के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए थे। इस बीच डीआईजी को मधुकम के पास कुछ युवकों के आपस में लड़ने पेट्रोलिंग जीप के उपहार सिनेमा के पास खड़ी होने की जानकारी मिली। इस दौरान पेट्रोलिंग ऑफिसर अशोक कुमार सिंह जीप में बैठकर अखबार पढ़ रहे थे। डीआईजी ने तुरंत माइक-15 पर कॉल किया। एसएसपी के कॉल को देखकर पेट्रोलिंग ऑफिसर हड़बड़ा गए। डीआईजी ने उनसे पहले नाम और बैच पूछा और फिर डांट पिलाई। इसके अलावा डीआईजी ने पेट्रोलिंग ऑफिसर अशोक कुमार की कंप्लेन एसएसपी को भी की।