-मंत्री के खौफ की वजह से दिल्ली में रह रही थी पीडि़ता

-सीओ आलमबाग अभिरक्षा में लेकर पहुंची कोर्ट

LUCKNOW : परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके छह अन्य साथियों पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली पीडि़ता ने शनिवार को सीजेएम संध्या श्रीवास्तव के समक्ष कलमबंद बयान दर्ज कराए। पीडि़ता ने मंत्री से अपनी व परिवार की जान पर खतरा बताया। जिस पर कोर्ट ने पुलिस को उसे सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया। देरशाम पुलिस ने पीडि़ता व परिवार को सुरक्षा मुहैया करा दी है।

सीओ की अभिरक्षा में पहुंची

गौरतलब है कि तमाम अधिकारियों से गुहार लगाने के बावजूद एफआईआर दर्ज न होने पीडि़ता ने सुप्रीम कोर्ट में इसकी शिकायत की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बीती 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। पर, मंत्री के खौफ के चलते पीडि़ता बेटी संग दिल्ली में ही रह रही थी। एफआईआर के बाद मामले की जांच सीओ आलमबाग अमिता सिंह को सौंपी गई थी। जिसके बाद वे खुद दिल्ली पहुंचीं और पीडि़ता के बयान दर्ज किये। इसके बाद शनिवार को सीओ अमिता सिंह पीडि़ता को अपनी अभिरक्षा में लेकर सीजेएम कोर्ट में पेश हुई। उन्होंने सीजेएम संध्या श्रीवास्तव को बताया कि पुलिस ने पीडि़ता के बयान दर्ज कर लिये हैं और अब उसके कोर्ट में बयान दर्ज होने हैं। जिसके बाद पीडि़ता ने सीजेएम के चैंबर में अपना कलमबंद बयान दर्ज करा दिया।

यह था मामला

चित्रकूट निवासी पीडि़ता के मुताबिक, उसका मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के यहां आना-जाना था। तीन साल पहले मंत्री गायत्री ने अपने साथी अशोक तिवारी के जरिए उसे अपने गौतमपल्ली स्थित आवास पर बुलाया और उसे हमीरपुर में मौरंग के खनन का पट्टा देने का लालच दिया। इसके बाद पीडि़ता की चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया और मंत्री गायत्री व अशोक तिवारी ने उसके संग दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील फोटो भी बना लीं। इन्हीं फोटोग्राफ को दिखाकर उसे बार-बार पार्क रोड स्थित मंत्री के विधायक निवास बुलाया गया। जहां एक-एक महीना रखकर पिंटू सिंह, विकास वर्मा, आशीष शुक्ला, चंद्रपाल व रूपेश तिवारी ने उसके संग गैंगरेप किया। लोकलाज की वजह से वह इसकी कहीं शिकायत नहीं कर सकी। वहीं, मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने उसकी 17 वर्षीया बच्ची को अपने पास बुलाया। पीडि़ता के मुताबिक, मंत्री प्रजापति ने उससे कहा कि वह अपनी बच्ची को उनके पास छोड़ दे। इसके बाद मंत्री प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला ने उसकी बच्ची से भी रेप की कोशिश की। पीडि़ता ने बताया कि जब उसने उनकी हरकत का विरोध किया तो उन लोगों ने उसे कहीं भी कुछ बोलने से मना किया और उसे अंजाम भुगतने की धमकी भी दी।