- प्रत्याशी पति की गिरफ्तारी पर एकजुट हुए ग्रामीण

- हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए डौकी थाने

आगरा। बरौली अहीर में बीडीसी प्रत्याशियों के अपहरण के बाद ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी के पति को पुलिस ने उठा लिया। इस पर दर्जनों गांव के ग्रामीण एकजुट हो गए। गुरुवार की सुबह हजारों की संख्या में ग्रामीण थाना डौकी पहुंच गए। हंगामे के दौरान थाने में घुसने का प्रयास किया गया। इस दौरान सड़क पर जाम लग गया। मौके पर बसपा विधायक आदि नेता भी थाने पर पहुंच गए।

लगाया था अपहरण का आरोप

बरौली अहीर ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी गीता सिंह के पति लाखन सिंह को पुलिस ने बरौली अहीर निवासी बीडीसी शंकर लाल के अपहरण के मामले में अरेस्ट कर लिया था। इसके अलावा इन पर एत्मादपुर मदरा के जय प्रकाश व बरौली गूजर के तुकमान लापता चल रहे हैं। इस मामले में भी इन्हीं पर अपहरण का आरोप लगा। लाखन सिंह की गिरफ्तारी को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश था।

थाने पर पहुंचे दर्जनों गांव के ग्रामीण

लाखन सिंह को पुलिस ने रात में गिरफ्तार किया था। इस पर रात से ग्रामीण जमा होने शुरू हो गए। दर्जनों गांव के करीब एक हजार ग्रामीण जमा हो गए। ग्रामीणों की भीड़ थाना डौकी पहुंच गई। ग्रामीणों ने पुलिस पर सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए थाने के सामने हंगामा कर दिया। लोगों ने थाने में घुसने का प्रयास किया।

सड़क पर लग गया जाम

हंगामे के दौरान सड़क पर जाम लग गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल बुला लिया गया लेकिन लोग मानने के लिए तैयार नहीं थे। मौके पर बसपा विधायक धर्मपाल सिंह भी पहुंच गए। इस दौरान लाखन सिंह के परिवार के लोग भी मौके पर पहुंच गए। ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी पति के समर्थक तोड़फोड़ करने पर आमदा थे। लेकिन परिजनों ने उन्हें रोक लिया और समझा-बुझाकर शांत किया।

लौट आए अपहृत

थाने में उन लोगों के परिजन भी पहुंच गए जिनका अपहरण हुआ था। उन्होंने उनके लौट आने की बात की। परिजनों ने अपहरण की बात से इनकार किया है। उनका कहना था कि वह अपनी मर्जी से गए थे। इसी के बाद पुलिस ने लाखन सिंह को छोड़ दिया। इस दौरान अपहृत खुद थाने पहुंच गए। पुलिस ने उनके वीडियो बयान भी लिए।

सत्ता पक्ष के हाथ की पुतली बनी पुलिस

पुलिस ने पूर्व में अपहरण की सूचना पर तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन जब लापता लोग वापस आ गए तो आरोपी को छोड़ दिया। लेकिन अब सोचने वाली बात यह है कि जिन लोगों ने पुलिस को झूठी सूचना दी उन पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। क्या पुलिस को उन पर झूठी सूचना देने का मुकदमा दर्ज नहीं करना चाहिए।