- सर्कुलर रोड, देशरत्न रोड, अणे मार्ग सहित वीआईपी एरिया में चलने से पहले संभल जाएं

- कहीं पर भी ट्रैफिक का अरेंजमेंट नहीं होने से हर दिन होता है हादसा

- सिर्फ वीआईपी मूवमेंट के दौरान दुरुस्त रहता है ट्रैफिक

- जू के पास पुलिस पोस्ट पर कभी नहीं दिखते हैं ट्रैफिक मैन

PATNA : तीन दिनों में चार बड़े हादसे ने अब तक न ही नीतीश कुमार और न ही लालू यादव की आंखें खोली हैं। मगर ऐसी फैमिली के बीच दहशत बना है जिनके फैमिली मेंबर नीतीश कुमार, लालू यादव, जीतन राम मांझी, रमई राम के घर के आसपास से होकर गुजर रहे हैं। हर दिन इन सड़कों पर हादसा हो रहा है। खासकर लालू यादव के घर के सामने और जनता दरबार के पास का एरिया तो डेंजर जोन ही बन चुका है। यही नहीं जू के सीधे सर्कुलर रोड की ओर टर्न लेते समय भी बीस में से दो गाड़ी एक्सीडेंट की भेंट चढ़ गयी है। तीन दिन पहले एक बाइक सवार विजय को स्कॉर्पियो ने टक्कर मारा और घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई है। यह एक दिन की कहानी नहीं है। दस सालों से जू के पास चाय बेच रही सुनीता देवी ने कहा कि आंखों के सामने मौत के मुंह में बच्चों को जाते देखती हूं्। इनकी स्पीड पर कोई लगाम नहीं लग पाता है। गाड़ी जो भी इन सड़कों से होकर गुजरती है वो बेलगाम रफ्तार में चलते रहती है। हर दिन हादसा होता है।

वीआईपी एरिया की ट्रैफिक यमराज के भरोसे

शहर में सेफ ट्रैफिक का दावा करने वाली ट्रैफिक पुलिस जू के गेट नंबर दो के सामने चेक पोस्ट तो बना दिया, लेकिन वहां कभी ट्रैफिक पुलिस नजर नहीं आती है। उस जगह से आगे गवर्नर हाउस या फिर सर्कुलर रोड का एरिया जाता है, लेकिन सचिवालय तक आपको कहीं भी ट्रैफिक पुलिस नहीं दिखती है और न ही ट्रैफिक से रिलेटेड कोई अवेयरनेस पंफलेट दिखता है, जबकि इन एरिया से होकर हर दिन पचास हजार के आसपास ट्रैफिक गुजरती है। इसकी स्पीड सौ किमी से ऊपर होती है। वीआईपी एरिया होने की वजह से यहां पर गवर्नर हाउस सहित कई मिनिस्टर का आवास, एसएसपी आवास, निगरानी ऑफिस, सचिवालय, इको पार्क चलती है। इसके बाद भी इस पर अब तक कंट्रोल नहीं है।

बेली रोड के जाम से बचने के लिए बेलगाम चलती है गाडि़यां

बारह घंटे इस सड़क पर नजर रखने वाले मनोज राय ने बताया कि पुलिस व ट्रैफिक पुलिस तब दिखती है जब सीएम या गवर्नर साहब को निकलना होता है। इसके बाद पब्लिक को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है, जबकि अनीसाबाद से लेकर एयरपोर्ट, वेटनरी कॉलेज एरिया या फिर बेली रोड से इनकम टैक्स जाने वाले लोग इस एरिया की सड़क का यूज करते हैं। अनीसाबाद के रहने वाले कमलेश ने बताया कि अगर आगे बढ़कर बेली रोड से वो डाकबंगला जाने की सोचें तो घंटों जाम में फंस जाते हैं। ऐसे में सर्कुलर रोड होते हुए आगे सचिवालय, इको पार्क और भिखारी ठाकुर पुल के नीचे से आर ब्लॉक होते हुए इनकम टैक्स पहुंच जाते हैं।

दिन हो या रात कम नहीं होता एक्सीडेंट

दिन हो या रात इन एरिया की रफ्तार पर किसी की नजर नहीं रहती है। लिहाजा बेलगाम रफ्तार से चलने वाले टू व्हीलर और फोर व्हीलर हर दिन टकराते रहते हैं। दिन में जहां चार से पांच एक्सीडेंट होता है वहीं देर शाम के बाद तो इसकी तादाद और बढ़ जाती है। अंधेरी सड़कों पर आने जाने की वजह से अचानक चौराहों पर एक्सीडेंट की वारदात बढ़ जाती है। लालू यादव के घर के पास वाले तिराहे पर हर शाम दो से तीन एक्सीडेंट होते हैं।

अनीसाबाद में चमकने लगा है ट्रामा सेंटर

गर्दनीबाग अस्पताल के पास ख्ब् आवर की सर्विस में हर दिन दस से पंद्रह एक्सीडेंट की घटना आती है। इसमें से अधिकांश वीआईपी एरिया में हुए एक्सीडेंट का मामला रहता है। वहीं अनीसाबाद में हास्पीटल चला रहे डॉ। राजीव ने बताया कि एक्सीडेंट की वारदात काफी बढ़ी है। टक्कर लगने की वजह रफ्तार को ही माना जाता है। इन सड़कों पर ट्रैफिक रूल्स फॉलो करवाने से मुश्किल दूर हो सकती है।

ललित भवन के सामने तोड़ दिया पोस्ट

सोमवार की रात ललित भवन के सामने तेज रफ्तार से आ रही फोर व्हीलर ने डिवाइडर को ऐसा ठोकर मारा कि देर रात सड़क के किनारे रहने वाले विनोद पासवान उठ गया। उसने बताया कि गाड़ी को किसी तरह ड्राइवर निकाला। उसकी गाड़ी के तेल की टंकी टूट चुकी थी। शीशे टूट चुके थे। अंदर में तीन लोग थे जिसे गंभीर चोट लगी थी। जानकारी हो कि सर्कुलर रोड, देशरत्न रोड, अणे मार्ग की ट्रैफिक काफी बुरी हो चुकी है।

जब सीएम व गवर्नर साहब निकलते र्ह तब ट्रैफिक पुलिस दिख जाती है। इसके बाद लोग किसी को नहीं देखते हैं। हर दिन हादसा होता है। कोई उसे उठाने तक के लिए तैयार नहीं होता है।

- मनोज राय

सुबह हो या शाम एक्सीडेंट बढ़ गया है। तीन दिन पहले एक लड़के की मौत हो गयी है। कोई उसे उठाने के लिए भी तैयार नहीं था। एक्सीडेंट, छिनतई जैसी घटना यहां पर बढ़ गयी है।

- सुनीता देवी

हर दिन इस एरिया से होकर आना जाना होता है। सड़कों पर जैसे-तैसे गाडि़यां लगी रहती हैं। ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से कोई अरेंजमेंट या जांच नहीं होने से बेरोक टोक गाडि़यां चलती हैं।

- नीतीश कुमार, कदमकुआं

वीआईपी एरिया का यह हाल है तो आम सड़कों को देखने वाला भी कोई नहीं है। इस एरिया को कम से कम इस तरह की रेस ड्राइविंग ट्रैफिक से फ्री करवाना चाहिए।

- भावना मीठापुर

ट्रैफिक एसपी पीके दास से बातचीत

वीआईपी एरिया में ट्रैफिक पुलिस दिखती नहीं है?

जब वीआईपी मूवमेंट होता है तभी अरेंजमेंट किया जाता है। इसके बाद लोकल थाने की जवाबदेही है।

लेकिन, वीआईपी एरिया में ट्रैफिक अवेयरनेस सिंबल तो लगा सकते हैं?

वो भी मेरा काम नहीं है। वो रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की ओर से लगाया जाता है। उन्हें ही लगाना चाहिए।

ठीक है। जू के गेट नंबर दो पर ट्रैफिक पोस्ट पर ट्रैफिक मैन तो लगा सकते हैं?

मेरे पास अगर बल अधिक हो तो मैं शहर के हर गली-चौराहों पर ट्रैफिक मैन खड़ा करवा दूंगा। ट्रैफिक पुलिस की कमी से किसी दिन दूसरी जगह ड्यूटी लग जाती होगी।

सर वो वीआईपी एरिया है। पब्लिक का मूवमेंट बढ़ रहा है। स्पीड लिमिट तो चेक कीजिए?

स्पीड लिमिट चेक करने से नहीं होगा, लोकल थाने की मदद से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। अगर लोकल थाने की पुलिस इस पर ध्यान दे तो एक्सीडेंट कम हो सकती है।

तो सर्कुलर रोड, देशरत्न रोड, अणे मार्ग सहित वीआईपी एरिया में ट्रैफिक दुरुस्त नहीं होगी?

जब वीआईपी मूवमेंट होता है तो दुरुस्त ही रहता है। हर समय की ट्रैफिक लोकल थाने के जिम्मे है। डाकबंगला, गांधी मैदान, पटना जंक्शन जैसे एरिया की ट्रैफिक भी तो संभालनी होती है। आम पब्लिक की सुविधा के लिए ही यहां पर ट्रैफिक मैन खड़े रहते हैं।

इन सड़कों पर चलें तो संभल कर

- गाड़ी की स्पीड कंट्रोल में रखें

- साइड मिरर का इस्तेमाल पीछे की गाड़ी देखने के लिए करें।

- बढ़ी रफ्तार से आने वाली गाडि़यों को देखते ही साइड पकड़ लें।

- मिनिस्टर के घर के आगे बेतरतीब गाड़ी लगी है तो नजर रखकर आगे बढ़ें।

- जेब्रा क्रॉसिंग और टर्निग प्वाइंट पर चारों तरफ देखकर ही आगे बढ़ें।