- मंदिर समिति ने कहा प्रशासन कर रहा है समिति के कार्यक्षेत्र में दखल

- डीएम ने दिए थे प्रोटोकॉल के अलावा किसी भी यात्री के वीआईपी दर्शन पर रोक के निर्देश

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RUDRAPRAYAG: हेलीकॉप्टर सेवाओं से केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को वीआईपी दर्शन कराने के मुद्दे पर विवाद गहराने लगा है। दरअसल रुद्रप्रयाग डीएम द्वारा हेली सेवाओं से केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों को वीआईपी दर्शन न कराने के फैसले को लेकर बदरी केदार मंदिर समिति और जिला प्रशासन आमने-सामने हैं। मंदिर समिति ने डीएम के आदेश को गलत बताते हुए समिति के कार्यक्षेत्र में दखल करार दिया है। इतना ही नहीं मंदिर समिति ने इस साल हेली सेवाओं से केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए प्रति यात्री वीआईपी दर्शन का शुल्क क्क्00 रुपए से बढ़ाकर ख्क्00 रुपए कर दिया है। इधर जिला प्रशासन का कहना है कि मंदिर समिति से इस संबंध में वार्ता की जाएगी, कहीं कोई विवाद इस मसले पर नहीं है।

इस बार भी होंगे वीआईपी दर्शन- बीकेटीसी

केदारनाथ के तीर्थपुरोहित व व्यापारियों की मांग पर डीएम रंजना ने क्9 अप्रैल को गलत ढंग से वीआईपी दर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश दिए थे। अब बदरी-केदार मंदिर समिति खुलकर इसके विरोध में आ गई है। समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि किस यात्री को वीआईपी दर्शन कराने हैं, यह समिति तय करेगी, न कि प्रशासन। कहा कि हवाई सेवा से आने वाले यात्रियों को मंदिर में वीआईपी दर्शन पहले से ही कराए जाते रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि हेलीकॉप्टर से आने वाले यात्री ज्यादा देर केदारनाथ में नहीं रुक सकते। उन्हें जबरन रोकने से केदारनाथ धाम में न केवल भारी भीड़ जुटेगी, बल्कि अव्यवस्था भी होगी, इसीलिए मंदिर समिति हेली से आने वाले यात्रियों को वीआईपी द्वार से मंदिर के दर्शन की सुविधा देती है। उन्होंने कहा कि इस साल भी हेली से आने वाले यात्री वीआईपी दर्शन कर सकेंगे, हालांकि उन्हें विशेष पूजा की अनुमति नहीं होगी।

तीर्थ पुरोहित व व्यापारी विरोध में

हेली सेवा से केदारनाथ आने वाले यात्रियों को वीआईपी दर्शन कराने का तीर्थ पुरोहितों ने कड़ा विरोध किया है। केदार सभा के महामंत्री शंकर बगवाड़ी ने कहा कि धाम में वीआईपी दर्शनों की परिपाटी ठीक नहीं है। तीर्थ पुरोहित और गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने भी हेली सेवा से आने वाले यात्रियों के वीआईपी दर्शन की परंपरा को खत्म करने की मांग उठाई है।