- वीआईपी पिछले एक साल से नहीं कर रहे टेलीफोन बिल का भुगतान

- मंत्री संतोष गंगवार के भी कार्यालय व घर के टेलीफोन का बिल बकाया

BAREILLY:

केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री संतोष गंगवार सिर्फ बातें करने में आगे हैं। टेलीफोन के बिल का भुगतान करने के नाम पर पीछे हैं। उनके घर और कार्यालय पर लगे टेलीफोन के बिल का भुगतान पिछले एक साल से नहीं हुआ है। संतोष गंगवार के अलावा आंवला सांसद धर्मेद्र कश्यप भी इस केटेगरी में शामिल है। इनके अलावा बीएसएनएल के जितने भी वीआईपी कंज्यूमर्स हैं, सभी का हाल एक जैसा ही है। बिलों का भुगतान नहीं होने पर डिपार्टमेंट ने अपने वीआईपी कंज्यूमर्स को नोटिस जारी किया है।

मंत्री, सांसद सब पर बकाया

संतोष गंगवार के कार्यालय भारत सेवा ट्रस्ट जिसका टेलीफोन नंबर 0581-2545555 है। यह नंबर बीएसएनएल का 34,920 रुपए का बिल बकाया है। वहीं घर के टेलीफोन नंबर 0581-2577777 पर 58,537 रुपए का बिल बकाया है। जबकि, आंवला के सांसद धर्मेद्र कश्यप पर जिनका टेलीफोन नंबर 2517091 है का बिल 44,915 रुपए हैं। सबसे अधिक पुलिस पर बीएसनएल का बकाया चल रहा है। पुलिस डिपार्टमेंट पर 2,05250 रुपए का बिल बकाया है। इसी तरह कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स पर 1,55,000 रुपए, रीजनल खाद्य नियंत्रक पर 91,784 रुपए, डिस्ट्रिक्ट मॉनीटर ऑफिसर 64,005 रुपए और जिला नगर विकास अधिकारी पर 47,243 रुपए टेलीफोन का बिल बकाया है। बीएसएनएल के ये सभी वीआईपी कंज्यूमर्स हैं, लेकिन बिलों का भुगतान करने के नाम पर फिसड्डी हैं।

एक साल से बिल का भुगतान नहीं

इन वीआईपी कंज्यूमर्स ने पिछले एक साल से बिल का भुगतान नहीं किया है। जनवरी 2016 से बकाया चल रहा है। जबकि, बीएसएनएल इन्हें बार-बार बिल का भुगतान करने के लिए रिमाइंडर भेज रहा है। 3 मार्च को भी बकाया बिल के भुगतान के लिए वीआईपी बकाएदारों को नोटिस जारी किया गया है। एक साल पहले बकाया होने मंत्री संतोष गंगवार के कार्यालय भारत सेवा ट्रस्ट की टेलीफोन की सर्विस बीएसएनएल ने बंद कर दी थी। उस समय जीएम मणिराम हुआ करते थे। बाद में बिल का भुगतान होने पर सर्विस शुरू की गई। तब संतोष गंगवार के घर और कार्यालय का टेलीफोन नंबर वीआईपी केटेगरी में शामिल नहीं किया गया था। बाद में बिना कागजी कार्रवाई के इनके टेलीफोन नंबर को वीआईपी केटेगरी में शामिल किया गया, लेकिन सामान्य केटेगरी से वीआईपी कंज्यूमर्स बनने के बाद भी बिल का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है। नियम के मुताबिक वीआईपी कंज्यूमर के बिल का भुगतान 60 दिन में नहीं होता है, तो सर्विस बंद हो जानी चाहिए।

विधायकों पर भी था बकाया

इसी तरह शहर और कैंट के विधायक पर भी पिछले एक साल से टेलीफोन के बिल का बकाया चल रहा था। वह भी बार-बार रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी बिल का भुगतान नहीं कर रहे थे, लेकिन उन्होंने नामांकन कैंसिल होने के डर से अपना बकाया बिल मतदान से पहले चुकता कर दिया।

यह वीआईपी हैं बकाएदार

नाम व पद - बकाया

पुलिस - 2,05,250

कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स - 1,55,000

रीजनल खाद्य नियंत्रक - 91,784

डिस्ट्रिक्ट मॉनीटर ऑफिसर - 64,005

मंत्री संतोष गंगवार - 58,537

जिला नगर विकास अधिकारी - 47,243

सांसद धमर्ेंद्र कश्यप - 44,915

भारत सेवा ट्रस्ट - 34,920

करीब आधा दर्जन वीआईपी कंज्यूमर्स पर टेलीफोन का बिल बकाया है। इनमें मंत्री और सांसद भी शामिल है। जिन्होंने बिलों का भुगतान नहीं किया है नोटिस जारी किया गया है।

एएच खान, टीआरए एसी, बीएसएनएल

हमारे लिए टेलीफोन और फोन की सुविधा सरकारी है। बिल का भुगतान सचिवालय से होता है।

धर्मेद्र कश्यप, सांसद, आंवला