-श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की हाईपावर कमेटी की बैठक में मंदिर की सुरक्षा को लेकर हुआ मंथन

- खामियां आई सामने, एडीजी सुरक्षा ने दिया सुधार करने का निर्देश

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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र का विस्तारीकरण बगैर हाईटेक सुरक्षा-व्यवस्था के संभव नहीं है। ये बात गुरुवार को हाई पावर कमेटी की समीक्षा बैठक में सामने आई। कमिश्नरी सभागार में कमेटी के अध्यक्ष एडीजी सुरक्षा विजय कुमार की मौजूदगी में हुई बैठक में मंदिर परिक्षेत्र में लगे एक्स-रे बैगेज स्कैनर के स्थान सहित सुरक्षा के अन्य पहलुओं पर चर्चा की गयी। इसके पहले एडीजी सुरक्षा काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। मंदिर परिक्षेत्र का एक घंटे तक निरीक्षण करने के बाद सुरक्षा खामियों को दूर करने का निर्देश दिया।

सुरक्षा में मिलीं खामियां

बैठक के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी भी एडीजी को मिलीं। मंदिर परिक्षेत्र में ड्यूटी के दौरान जवानों द्वारा पहने जाने वाले बुलेटप्रूफ जैकेट में से 170 जैकेट के खराब होने की बात सुनते ही वो चौंक पड़े। परिक्षेत्र में मौजूद एक ऑटो डोम कैमरा, एक डीवीआर, 39 एचएमडी, छह डीएफएचएमडी, तीन कमांडो लाइट भी बेकार हो चुकी हैं। एक सेंसर गेट भी काम नहीं कर रहा है। बैठक में कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण, आईजी रेंज दीपक रतन, एसपी सुरक्षा शैलेंद्र राय, एसपी रूरल अमित कुमार आदि मौजूद रहे।

शासन को भेजा गया प्रस्ताव

बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब एडीजी सुरक्षा ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में लगे सीसी कैमरों के स्थान पर अब अत्याधुनिक सीसी कैमरे व पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए जाने हैं। इसके लिए शासन को 5 करोड़ 82 लाख 58 हजार रुपये का प्रस्ताव दिया जा चुका है जो विचाराधीन है। बताया कि आधुनिक कंट्रोल रूम की तैयारी पूरी है लेकिन जगह नहीं है। विस्तारीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही आधुनिक कंट्रोल रूम की स्थापना हो जाएगी। फोर्स की कमी के बाबत जानकारी सामने आई है। एडीजी जोन से फोर्स की उपलब्धता के लिए कहा गया है।

बैग स्कैनर लगाएं बार

प्रशासनिक महकमे के साथ निरीक्षण करने पहुंचे एडीजी ने ज्ञानवापी क्रासिंग से होते छत्ताद्वार के रास्ते मंदिर परिसर का जायजा लिया। श्रृंगार गौरी मंदिर के पीछे बने मोर्चे पर तैनात जवानों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनी। रेड जोन में मौजूद एक्स-रे बैगेज स्कैनर द्वारा जगह की कमी के चलते जांच न होने की जानकारी पर उसे बाहर लगाकर जांच का निर्देश दिया। नियंत्रण कक्ष में लगे इलेक्ट्रिक मैप को देखा व उसकी जानकारी ली।