आई एक्सक्लूसिव

- बांग्लादेशियों का शरणस्थली बना गया जमुनानगर

-एलआईयू भी वेरीफिकेशन के नाम पर झाड़ रही है पल्ला

- पांच साल पहले भी पकड़े गए थे 20 बांग्लादेशी

मनोज बेदी

मेरठ : हापुड़ रोड का जमुनानगर बांग्लादेश के लोगों की शरणस्थली बन गया है। एक विशेष संप्रदाय के लोगों ने वोट लेने के चक्कर में उनके आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र तक बनवा दिए गए हैं। पुलिस व खुफिया विभाग के अफसर जानते हुए भी मौन धारण किए हुए हैं।

झोपड़ी बनाकर रहते हैं

बेगमपुल से सात किमी दूर हापुड़ रोड पर जमुनानगर के नाम से आपको एक बस्ती बसी हुई दिखाई देगी। जिसमें 25 हजार से ज्यादा संदिग्ध बांग्लादेशी लोग खाली पड़े प्लाट को किराए पर लेकर उसमें झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहते हैं। वह बोलचाल में बांग्ला भाषा का इस्तेमाल करते है। वह पढ़ाई से लेकर घर का सामान, उपचार आदि सभी बांग्लादेशी लोगों से ही करवाते हैं।

संदिग्ध हैं काम

संदिग्ध बांग्लादेशी एक विशेष संप्रदाय के लोग हैं। वह हापुड़ रोड पर बने कमेले में काम करते हैं। इसके साथ वह सुबह चार बजे करीब शहर में कूड़ा बीनने का भी काम करते हैं।

कैसे बने इनके वोटर कार्ड

एक विशेष संप्रदाय के नेताओं ने वोट बैंक पक्का करने के लिए उनके नाम से बिजली विभाग से सेटिंग करके उनकी झुग्गी पर बिजली का मीटर लगवा दिया। बिजली का बिल आते ही उनका राशन कार्ड बनवा दिया। अब बिजली के बिल व राशन कार्ड से उनका वोटर कार्ड भी बन गए।

पांच साल में दस गुना आबादी

जाकिर कालोनी व आसपास के लोगों का कहना है कि पहले इनकी संख्या बहुत कम थी। पांच सालों में उनकी आबादी में दस गुना इजाफा हो गया।

आए थे पकड़ में

पांच साल पहले एलआईयू की टीम ने जमुना नगर से बीस बांग्लादेशी लोगों को पकड़ा था। उन्हें कोर्ट के आदेश से बांग्लादेश के बार्डर पर छोड़ कर आए थे।

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जमुना नगर में दस हजार से ज्यादा लोगों के वोटर कार्ड बने हुए हैं। वोटर कार्ड बनवाने के लिए जांच रिपोर्ट तहसील से आई थी, इसी के आधार पर वोटर कार्ड बनाए गए हैं।

-सुनेश कुमार

सहायक जिला, निर्वाचन अधिकारी मेरठ

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संदिग्ध बांग्लादेशियों के वोटर पहचान पत्रों की किस कर्मचारी ने जांच की है, उनका पता लगाया जा रहा है।

भगत सिंह तहसीलदार मेरठ

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जमुना नगर झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले संदिग्ध बांग्लादेशी लोगों के वोटर कार्ड कैसे बन गए। वह बिना परमिशन के कैसे रह रहे हैं। इस मामले की एलआईयू से रिपोर्ट मांगी गई है।

-जे.रविंद्र गौड़ एसएसपी

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संदिग्ध बांग्लादेशियों की सूचना पर सभी लोगों का वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। वेरीफिकेशन के बाद ही तय किया जाएगा कि यह बांग्लादेशी है या आसाम के लोग हैं।

-विनोद शर्मा, डीएसपी एलआईयू मेरठ