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एक वार्ड ऐसा भी, शहराबाग के तीन घरों में रहते हैं 171, 91 और 79 लोग

वोटर लिस्ट 2017 में की गई है कुछ इसी तरह की गड़बड़ी

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: एक तरफ जहां शहरों में संयुक्त परिवार टूट रहे हैं। लोग न्यूक्लियर फैमिली में रहना पसंद कर रहे हैं, वहीं आप सोच भी नहीं सकते कि अपने इलाहाबाद के वार्ड नंबर 66 मोहत्सिमगंज में एक ऐसा मोहल्ला है, जहां चार घरों में 91, 171 और 79-79 लोग रहते हैं। ये मजाक नहीं, बल्कि हकीकत है। जिसका प्रमाण जिला प्रशासन द्वारा जारी किया गया नगर निगम निर्वाचक नामावली-2017 का अनंतिम प्रकाशन है।

पूरी गली का एक ही मकान नंबर

अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या वाकई में एक घर में इतनी संख्या में लोग रहते हैं या मतदाता सूची में ही गड़बड़ी हुई है। सवाल ये भी उठा है कि कहीं कई घरों में रहने वालों को तो एक ही मकान का बाशिंदा नहीं दिखा दिया गया है। कहीं ये गड़बड़ी नगर निगम की ओर से तो नहीं हुई है, जिससे रिकार्ड में एक ही मकान नंबर से कई मकान दर्ज हो गए हों। मतदाता सूची के चौंकाने वाले तथ्यों का पता लगाने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर सोमवार को वार्ड नंबर 66 मोहत्सिमगंज में पहुंचा। सबसे पहले मकान नंबर 204 की खोज शुरू की, जिसमें एक ही मकान में 191 वोटरों को दिखाया गया है। मोहल्ले में पूछा कि भईया, ये मकान नंबर 204 कौन सा है तो चंदन नाम के एक युवक ने बताया, वो देखिये गली के इस छोर से उस छोर तक जितने भी मकान दिखाई दे रहे हैं। सब के सब मकान नंबर 204 हैं। लाइन से दिख रहे मकानों की संख्या एक दर्जन से अधिक थी।

जमीन बिक गई नंबर नहीं बदला

इस बीच एक मकान से आदिल नाम का युवक निकला। उससे पूछा कि आपके मकान का नंबर क्या है, तो जवाब मिला 204, यह पूछने पर कि क्या ये सभी मकान 'मकान नंबर 204 हैं' तो फिर जवाब मिला हां। उसने बताया कि पहले यह एक ही व्यक्ति की जमीन थी, जिसे हमने रजिस्ट्री कराई, अन्य लोगों ने भी रजिस्ट्री कराई, लेकिन पता नहीं क्यों आज भी सभी मकान एक ही नंबर से दर्ज हैं। तभी आदिल के परिवार की कुछ महिलाएं सामने आई और अपने मकान का नंबर दूसरा बताने लगीं। उन्होंने कहा कि ये मकान उनका है। उन्होंने रजिस्ट्री कराई है। सारा रिकार्ड है। फिर उनका मकान नंबर एक कैसे हो गया? इस पर रिपोर्टर ने समझाया कि इसका जवाब वे जिम्मेदार विभाग और अधिकारियों से मांगे। जवाब देने पर उनका गुस्सा शांत हुआ।

(रियलिटी चेक में ये क्लीयर हो गया कि मतदाता सूची में जिस मकान नंबर 204 में 191 लोगों को वोटर दिखाया गया है। वह एक घर नहीं बल्कि कई घरों के वोटर हैं। लेकिन उनका मकान नंबर एक ही चला आ रहा है.)

204 के बाद मकान नंबर 190

मकान नंबर 204 की हकीकत सामने आने के बाद दैनिक जागरण रिपोर्टर मकान नंबर 190 की खोज में निकला तो वह गलियों के बीच में काफी अंदर रेलवे लाइन के किनारे मिला। वहां भी स्थिति मकान नंबर 204 जैसी ही थी। एक व्यक्ति से पूछा गया कि ये मकान नंबर 190 कौन सा है तो उसने इशारा करते हुए दिखाया। वो देखिये, यहां से वहां तक और इसके पीछे जितने भी मकान हैं, सब 190 हैं। इससे ये क्लीयर हो गया कि मतदाता सूची में ही गड़बड़ी है। हकीकत तो हकीकत में कुछ और है।

मकान नंबर मतदाता क्रमांक मतदाताओं की संख्या

190 मोहत्सिमगंज 272 से 362 तक 91 मतदाता

204 मोहत्सिमगंज 422 से 592 तक 171 मतदाता

204 मोहत्सिमगंज 176 से 254 तक 79 मतदाता

180-168 मोहत्सिमगंज 821 से 899 तक 79 मतदाता

नगर निगम निर्वाचक नामावली-2017 में एक-एक मकान में 90 और 150 से अधिक लोगों को वोटर दिखाए जाने की जानकारी मुझे भी हुई है। इससे अधिकारियों को अवगत कराया गया है। वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी है। कई वोटर ऐसे हैं, जिनका नाम ही नहीं है। माता-पिता का नाम गलत है। कुछ घर तो ऐसे हैं, जिसमें सात-आठ लोग रहते हैं, लेकिन लिस्ट में एक ही व्यक्ति का नाम है।

कुसुमलता गुप्ता

पार्षद-वार्ड 66