ग्राम प्रधान और अधिकारी कर रहे मनमानी

फीरोजाबाद : मनरेगा योजना में काम करने से श्रमिकों के कतराने का एक बड़ा कारण सामने आया है। जो श्रमिक काम कर रहे हैं, उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही। वहीं कुछ लोग डाककर्मियों की सांठगांठ और फर्जी जॉब कार्ड के जरिए उनकी मेहनत की कमाई से मौज उड़ा रहे हैं। वहीं कागजों पर मनरेगा कार्य कराने की शिकायत भी शासन तक पहुंच रही हैं। जिले की इस तरह की 14 शिकायतें भारत सरकार की वेवसाइट पर लंबित पड़ी हैं।

भारत सरकार के निर्देश हैं कि मनरेगा योजना के अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों को हर महीने मजदूरी का भुगतान कर दिया जाए, लेकिन जिले में ऐसा हो नहीं पा रहा। अरांव ब्लॉक की ग्राम पंचायत राहतपुर में पिछले साल सितंबर माह में चकरोड पर मिट्टी डालने का कार्य मनरेगा से हुआ था। श्रमिक अवनीश ने शासन से शिकायत की है कि उसने 16 दिन तक काम किया, लेकिन मजदूरी केवल चार दिन की ही मिली। अवनीशन ने शासन से 12 दिनों की मजदूरी दिलाने की मांग की है।

अरांव ब्लॉक के ही अशोक कुमार तो एक साल से मजदूरी पाने को भटक रहे हैँ। उनका कहना है कि उन्होंने जनवरी 2013 में 13 दिन धातरी से जरेला तक चकरोर्ड निर्माण का कार्य किया। जिसकी मजदूरी अभी तक नहीं मिली। जसराना ब्लॉक के श्रमिक राकेश कुमार का कहना है कि उन्होंने 20 दिसंबर 2014 से 15 जनवरी तक तालाब की खुदाई की, लेकिन मजदूरी नहीं मिली है।