- निर्माण कार्यो की शिकायत पर ठोस कार्रवाई न होने से ठेकेदार हो रहे बेलगाम

- टेलीकॉम कंपनी के गड्ढे बन रहे हैं जानलेवा, अधिकारी नहीं ले रहे सुध

- 70 वार्डो में से करीब 50 वार्डो की गलियों में बनी सड़कें हैं गड्ढों में धंसी

BAREILLY:

नगर निगम चाहे जितने दावे करे लेकिन शहर की सड़कें अभी तक गड्ढा मुक्त नहीं हो सकी हैं। मानसून हावी होने के बाद अब यही सड़कें लोगों के लिए जानलेवा होती जा रही हैं। वार्ड स्कैन मुहिम के तहत जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सड़कों की नब्ज टटोली तो कोई भी वार्ड 5 का आंकड़े से अधिक नहीं पहुंच सका, लेकिन अधिकारी फिर भी रिपोर्ट में गड्ढा मुक्त सड़क होने का दावा कर अपनी पीठ थपथपाने से पीछे नहीं हैं। कुछ जगहों पर इन गड्ढों की वजह से सड़कें जलाशय सी बन गई हैं।

नहीं दिखता निर्माण कार्य

नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने प्रत्येक वार्ड में सड़क बनाने का प्रस्ताव मंजूर किया है। ताकि शहरवासियों को आवागमन में कोई प्रॉब्लम न हो, लेकिन सभी 70 वार्डो के पार्षदों के मुताबिक कई जगह ठेकेदारों ने आधा अधूरा निर्माण किया है। तो कहीं काम ही शुरू नहीं हुआ। जिसकी वजह से स्थानीय निवासियों को दिक्कत हो रही है। जरूरत के मुताबिक कहीं इंटरलॉकिंग टाइल्स, सीमेंटेड और सामान्य सड़कें बनाई गई हैं, लेकिन निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी कहें या बगैर माइक्रो मॉनीटरिंग के निर्माण शुरू करने की वजह से सड़कें धंस गई हैं।

टेलीकॉम के जानलेवा गड्ढे

टेलीकॉम कंपनी के गड्ढों में गिरे तो बचना मुश्किल है। क्योंकि 2 से 3 फीट गहरेगड्ढों में गिरने के बाद बचना लगभग मुश्किल ही है। वहीं, जब इसमें बारिश का पानी भर जाए तो दुर्घटना का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। इन गड्ढों को बनवाने और उन्हें भरवाने की जिम्मेदारी नगर निगम अधिकारियों की है। पर वह आंखें मूंदे हुए हैं। क्योंकि, वह केबल बिछाने के लिए चार्ज करता है। केबल बिछने के बाद दोबारा से सड़कों को मरम्मत का काम नगर निगम का होता है। ऐसे गड्ढे शहर के हर वार्ड के अंदर और बाहर हैं।

आखिर दुर्दशा की क्या है वजहें

- निर्माण कार्य की मॉनीटरिंग न होना

- अधिकारियों का स्थलीय निरीक्षण न करना

- ठेकेदारों पर कोई ठोस कार्रवाई न होना

- निर्माण कार्यो में कमीशनखोरी का आरोप

- सड़कों में घटिया सामग्री का प्रयोग होना

- सड़कों पर जलभराव होने से परतें उखड़ना

जिन विभागों ने केबल बिछाने के लिए गड्ढे खोदे हैं उन्हें चाहिए कि उसे सही से भरे और सड़क की पहले जैसा मरम्मत कराए, लेकिन विभाग ऐसा नहीं करते हैं।

पम्मी खां वारसी

बारिश में कई जगहों पर सड़के धंस चुकी है, जिसकी वजह से आए दिन लोग गिर कर घायल हो रहे है। लेकिन अधिकारियों को इसकी सुध नहीं है।

संदीप मेहरा

मुख्य मार्ग को छोड़ दें तो कॉलोनियों और गलियों की सड़कों की हालत जर्जर है। फिलहाल नाथ नगरी के शिवालय की सड़क दुरूस्त हो जाए।

जितिन दुआ

नगर निगम के अधिकारी निर्माण कार्यो की प्रगति की प्रॉपर मॉनीटरिंग नहीं करते। जिसकी वजह से सड़कों की हालत खराब हो जाती है।

डॉ। नीलू