RANCHI: कभी रांची की शान कही जाने वाली हरमू नदी अब नाले में तब्दील हो चुकी है। वहीं, वार्ड 37 के लोग तो इसी में अपने घरों का गंदा पानी बहाकर बर्बाद कर रहे हैं। जब नदी के सौंदर्यीकरण का काम शुरू हुआ तो लोगों को लगा कि कुछ बदलेगा। लेकिन स्थिति दिनोंदिन और बदतर होती गई। वहीं गंदगी और नाले ने विकास की पोल खोल दी। पार्षद भी इसकी सूरत बदलने में फेल साबित हुए। परिसीमन के बाद अब नया वार्ड बना। इसमें चुनाव के बाद नया पार्षद आएगा और वही वार्ड का विकास करेगा। परिसीमन के बाद भुसूर नदी (पुंदाग साई मंदिर के पास किनारा से नदी किनारे शिव मंदिर तक), शालीमार मार्केट मोड़ से प्रभात तारा स्कूल, एचईसी हास्पिटल होते हुए जेएससीए स्टेडियम के पास जेपी मार्केट, सेल सिटी के पास भउसूर नदी के किनारे शिव मंदिर से न्यू डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल, लालजी सिंह का घर क्वार्टर नंबर 1771, सेक्टर 2 मार्केट होते हुए मौसीबाड़ी चौक तक तथा यहां से शहीद मैदान चौक होते हुए मुख्य मार्ग में शालीमार बाजार चौक, पुंदाग साईं मंदिर के पास नदी से जगन्नाथपुर मंदिर, योगदा कॉलेज होते हुए न्यू विधानसभा तिरील मोड़, निर्माणाधीन हाइकोर्ट के पास जेपी मार्केट रोड में जेएससीए स्टेडियम, एचईसी हास्पिटल रोड मोड़ तक इलाका हो गया है।

नाली

पूरे इलाके में नाली बनाने के नाम पर केवल आईवाश किया गया है। कुछ जगहों पर नाली बनाने के बाद पार्षद बाकी जगहों पर नालियों का निर्माण कराना ही भूल गए। इस वजह से जगह-जगह कच्री नाली में ही घरों का पानी बहाया जा रहा है। सफाई नहीं होने के कारण स्थिति नारकीय हो गई है।

रोड

विकास के सबसे अधिक दावे करने वाले पार्षद के वार्ड में सड़कों की हालत भी कुछ ज्यादा ठीक नहीं है। कुछ खास सड़कों को छोड़कर बाकी बदहाल हैं। जहां अंधेरे में जाना खतरे से खाली नहीं है। इन सड़कों पर दिन में भी लोग संभलकर चलते हैं।

साफ-सफाई

स्वच्छता सर्वे के दौरान सफाई के लिए एक्स्ट्रा कर्मी लगाए गए थे। लेकिन सर्वे खत्म होते ही सच्चाई सामने आ गई। कचरे का अंबार गंभीर बीमारियों को दावत दे रहा है। इसके बावजूद सफाई नहीं कराई जा रही।

वार्ड बोलता है

आसपास की सड़कें तो बन गई, लेकिन हमारे मोहल्ले में रोड नहीं बनाया गया। आखिर हम लोगों के साथ ही भेदभाव क्यों किया जाता है। रोड पर नाली का पानी बह रहा है। बारिश में तो घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

प्रेम कुमार रजक

नालियों को तो आजतक बनाया ही नहीं गया। सफाई करने के लिए भी नगर निगम के लोग नहीं आते है। कई बार तो हमलोगों को खुद से सफाई करनी पड़ती है, ताकि नालियों का पानी आसानी से निकल जाए।

अनिल साव

बोलने के बाद भी आजतक रोड और नाली की तस्वीर नहीं बदली। पार्षद बस वादे करते हैं, लेकिन सच्चाई सबके सामने है। गर्मी में भी रोड पर तालाब जैसा नजारा है। बारिश में तो चलना भी आफत है।

सत्येंद्र कुमार सिंह

जवाब दो पार्षद जी

डीजे आईनेक्स्ट : रोड की हालत काफी खराब है और लोगों को परेशानी हो रही है?

जवाब : पूरा इलाका ही नया बसा तो काम करने में परेशानी आई। 11 किलोमीटर रोड हमने पांच साल में बानाया। अब फंड जितना था तो काम कराया गया। कुछ जगह छूटे हैं तो वहां आने वाले समय में रोड बनाए जाएंगे।

डीजे आईनेक्स्ट : नालियों की स्थिति काफी खराब है और हरमू में नाले का पानी लोग बहा रहे हैं?

जवाब : पांच साल में नाली के लिए तो फंड ही नहीं मिल पाया। पूरे वार्ड को कवर करने के लिए बड़ी योजना चाहिए। जहां तक हरमू में नाली बहाने की बात है तो वह भी कुछ दिनों में खत्म हो जाएगी। ट्रीटमेंट प्लांट में नाली के पानी को साफ करने के बाद नदी में डाला जाएगा।

डीजे आईनेक्स्ट : कचरा का अंबार लगा है, जो बीमारियों को दावत दे रहा है?

जवाब : एक जगह तो हम लोगों ने डंपिंग के लिए बनाया है, जहां से हर दिन कचरा उठता है। लेकिन किसी और जगह कचरे का अंबार लग रहा है तो उसे देखना होगा। ऐसी कोई जानकारी तो मुझे नहीं है।

-अरुण कुमार झा, पार्षद, वार्ड 37