वैकल्पि्क हेडिंग: गंदगी के बीच मनी दिवाली, छठ में तो सफाई करा दीजिए सरकार

स्लग: वीआईपी इलाकों को छोड़ हर गली-मोहल्ले में कचरा, दुर्गध से जीना हुआ मुहाल

-एजेंसी को क्यों नहीं हटा रहे निगम के अधिकारी

-गंदगी के बीच ही लोग कर रहे छठ की तैयारी

RANCHI (21 Oct): रांची नगर निगम सफाई के नाम पर लोगों का आईवॉश कर रहा है। चूंकि वीआइपी इलाकों को छोड़कर बाकी शहर में कचरा कलेक्शन का काम ही नहीं हो रहा है। मुख्य सड़कों को छोड़ दिया जाए तो गली-मोहल्लों में अब भी लोगों के घरों से कचरा नहीं उठा है। स्थिति यह है कि दुर्गध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। दिवाली में तो कचरे के बीच ही लोगों ने दीये जलाए। अब छठ की तैयारी भी गंदगी के बीच ही शुरू हो गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिटी में सफाई व्यवस्था अब भगवान भरोसे ही चल रही है।

स्पेशल टीम का हुआ था गठन

दिवाली से पहले नगर आयुक्त ने स्पेशल टीम का गठन किया था। जो सिटी में सफाई के लिए तैनात की गई थी। लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। लोगों के घरों से कचरा तो निकलता रहा लेकिन उठाव नहीं होने से जगह-जगह कचरे का अंबार लग गया। वहीं कुत्ते और सूअर कचरा रोड पर फैलाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इससे कई इलाके में लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में छठ जैसे महापर्व में भी सफाई नहीं कराई जाती है, तो यह लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ होगा।

सिर्फ वीआइपी इलाके में सफाई

हरमू बाइपास और कांके रोड का एरिया वीआइपी इलाके में आता है। चूंकि इन सड़कों से सीएम और गवर्नर जो गुजरते है। ऐसे में इन सड़कों में कहीं भी कचरा नहीं होता। इतना ही नहीं, रोड में दो बार झाड़ू लगाया जाता है ताकि कहीं भी गंदगी दिखाई न दे। बाकी की सड़कों में तो न जाने कितने दिनों से झाड़ू भी नहीं लगाई गई है।

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सिटी में सफाई की चिंता अधिकारियों को नहीं है। ऐसे में सिटी में डेंगू और मलेरिया से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इस बार तो दिवाली किसी तरह से बीत गई। पर अब छठ में भी सफाई नहीं कराई जाती है, तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।

रमेश

निगम को राजधानी के लोगों की चिंता ही नहीं है। अगर चिंता होती तो सफाई का काम कर रही एजेंसी पर कार्रवाई हो जाती। लेकिन एजेंसी को काम करने के लिए समय दिया जा रहा है। पब्लिक की आंखों में निगम के अधिकारी धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। दिखावे के लिए एजेंसी को डिबार करने की बात अधिकारी कर रहे हैं।

विक्की सिंह

दो दिन बाद नहाय-खाय के साथ छठ शुरू हो जाएगा। लेकिन सड़कों के किनारे कचरा जमा है। हमारे तो घरों से भी कचरा नहीं ले जाया जा रहा है। आखिर निगम के लोग किस काम के लिए रखे गए हैं। एजेंसी के आने के बाद से तो सफाई व्यवस्था सुधरने के बजाय खत्म हो गई है। अगर एजेंसी काम नहीं कर रही है, तो काम अपने हाथों में ले लेना चाहिए।

संजय

आधे वार्डो में मैनुअली सफाई कराई जा रही है। जिससे कि लोगों के घरों से कचरा तो उठ रहा है। लेकिन जहां-जहां एजेंसी ने काम पकड़ा है वहां तो गली मोहल्लों को नर्क बनाकर छोड़ दिया गया है। अब निगम के अधिकारी क्या कर रहे है। दिवाली में साफ-सफाई होती है। लेकिन छठ में सफाई नहीं होती है तो इससे बदतर और क्या हो सकता है।

मनीष

सिटी की सफाई को लेकर अधिकारी गंभीर ही नहीं है। इसलिए तो वीआइपी इलाकों को छोड़कर कहीं सफाई नहीं हो रही है। सफाई वाले कचरा देखकर भी निकल जाते है। लगता है जैसे उन्होंने कुछ देखा ही नहीं। आखिर किस काम के लिए निगम ने एजेंसी को रखा है।

सन्नी