- दर्जन भर स्थानों तक नहीं हो सकी पानी सप्लाई

- गली-मोहल्लेवासी तरसे बूंद-बूंद पानी को तरसे

आगरा। आंधी-तूफान का असर शुक्रवार तक देखने को मिला। जल निगम के कई संयंत्रों में बिजली गुल होने से पानी सप्लाई सेवा पूरी तरह बंद पड़ी रही। इससे दर्जन भर इलाकों के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए। कई इलाकों में टैंकरों से पानी सप्लाई की गई, लेकिन ये ऊंट के मुंह में जीरा के समान रही। कई स्थानों पर लोगों ने आक्रोशित होकर जाम तक लगा दिया।

सप्लाई पूरी तरह प्रभावित

शुक्रवार को भी पानी सप्लाई में दिक्कत आई। बिजली व्यवस्था सुचारू नहीं होने से पानी फिल्टर का काम नहीं हो सका। इससे सुबह अधिकांश इलाकों में पानी सप्लाई व्यवस्था ठप रही। दोपहर तक कुछ इलाकों में बिजली व्यवस्था बहाल होने के बाद पानी शोधन का सिलसिला शुरू हुआ। शाम को कुछ हिस्सों में पानी सप्लाई शुरू की गई। इसके बावजूद सुभाष पार्क एरिया, कमला नगर एरिया में बिजली नहीं आने से पानी सप्लाई पूरी तरह प्रभावित रही।

टैंकरों से पानी सप्लाई

इससे जुड़े पूरे क्षेत्र में एक बूंद भी पानी नहीं पहुंचा। वहीं गली-मोहल्लों में पानी की सप्लाई की दिक्कत आई। पाइप लाइनों से पानी नहीं पहुंचा, वहीं समसर्बिल और बोर भी नहीं चले। इससे लोग पानी को लेकर खास परेशान रहे। जलकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिजली रिस्टोर होते ही हर क्षेत्र की पानी सप्लाई सुचारह्ल कर दी जा रही है। टैंकरों से पानी सप्लाई की जा रही है।

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यहां रही दिक्कत

सुभाष पार्क इलाका, कमला नगर, नामनेर, नाई की मंडी, रकाबगंज, राजा की मंडी समेत दर्जन भर इलाकों में पानी की सप्लाई शुक्रवार तक प्रभावित रही। वहीं सुबह भी ताजगंज, शाहगंज समेत कई स्थानों पर पानी सप्लाई नहीं हुई।

50 से अधिक टैंकर से सप्लाई

जल निगम के अनुसार जहां-जहां पानी की सप्लाई नहीं हुई। वहां टैंकरों से पानी सप्लाई की गई। शुक्रवार को पानी के लिए 50 टैंकर लगाए गए। ये सुबह से शाम तक दौड़ते रहे। विभाग के अधिकारी के अनुसार जहां से डिमांड आई। वहां टैंकरों से पानी सप्लाई की गई। बिजली रिसोर्ट होते ही पानी सप्लाई शुरू कर दी गई है।

आंधी-तूफान के बाद बूंद- बूंद पानी को तरस रहे लोगों को हैंडपंप की याद आई। लोग हैंडपंपों तक पहुंचे, लेकिन ये भी दगा दे गए। लोगों का कहना है कि ऐसी आपदा से निपटने के लिए हैंडपंप सहारा हो सकते हैं, पर ये अधिकारियों की लापरवाही से बंद पड़े हुए हैं।

शहर भर में 7399 हैंडपंप हैं। ये बस्ती और मोहल्लों में लगाए गए हैं। इससे पानी की समस्या का काफी हद तक हल निकल जाता था, लेकिन ये सालोंसाल से खराब पड़े हुए हैं। अधिकांश हैंडपंपों का पानी स्तर गिर चुका है या खराब पड़े हुए हैं। इन्हें सुधारा ही नहीं गया है। विभाग की ओर से कागजी कार्रवाई हर साल की जाती है।

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष भी 1022 हैंडपंपों को रिबोर करने का प्रस्तावित है। 220 पंपों का रिबोर होना है, वहीं 150 का रिबोर हो रहा है। वे रिपेयर हैंडपंपों को तत्काल चालू करने का दम भर रहे हैं। ये सभी हैंडपंप कागजी कार्रवाई के बीच अटके हुए हैं।