- जिले में पानी की योजनाओं पर करोड़ों हो चुके हैं खर्च

आगरा। पिछले वर्षो में जिले के वाशिंदों को पेयजल मुहैया कराने के लिए शासन ने तमाम योजनाओं का खाका तैयार किया गया। उन योजनाओं के क्रियान्वयन पर सरकार ने करोड़ों रुपये पानी के लिए पानी की तरह बहाए। इनमें कुछ योजनाओं ने मूर्त रुप लिया तो कुछ वर्षो से अधर में लटकी हैं। ताज नगरी की पेयजल योजनाओं की पड़ताल करती एक रिपोर्ट

यमुना पार क्षेत्र में भारी संकट

यमुना पार ट्रांस यमुना एरिया में पानी की गंभीर समस्या व्याप्त है। वर्ष 2014 में पेयजल संकट के कारण झगड़े में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। फरवरी 2015 में 3379.71 लाख अर्थात लगभग 33 करोड़ की लागत से त्वरित राहत पेयजल योजना स्वीकृत की गई। इस प्रोजेक्ट में 16 नलकूप, अन्डरग्राउन्ड पाइपलाइन, वाटर टैंक बनाए जाने थे। 8500 मी। पाइप आपूर्ति के लिए बिछाया जाना है। ये योजना आगे बढ़ी। 102429 की जनसंख्या को पेयजल मुहैया कराने को कुछ स्थानों पर सबमर्सिबल कनेक्शन किए गए। मौजूदा वक्त में यह योजना मूर्त रुप ले चुकी है। कुछेक स्थानों को छोड़कर नारायच, नुनिहाई, शाहदरा रामबाग एरिया में पेयजल आपूर्ति की जा रही है।

गंगाजल प्रोजेक्ट की गति धीमी

यह प्रोजेक्ट वर्ष 2005 में शुरु हुआ था। इसकी शुरुआती लागत 3.50 करोड़ थी। ये प्रोजेक्ट 10 वर्ष से कछुआ चाल से चल रहा है। मौजूदा समय में इसकी लागत 28.80 करोड़ तक जा पहुंची है। ये आपको बता दें कि दूरी भी वहीं है पानी की मात्रा भी वहीं है, जितनी शुरुआत में थी। वर्ष 2008-09 से इस योजना पर कार्य शुरु हुआ। वर्ष 2009 में पीएमसी (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंस्ट्रक्सन) हुआ। वर्ष 2010 में डीपीआर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हुई। बुलन्दशहर के पालड़ा से 130 किमी। से 150 क्यूसेक गंगाजल लाया जाना है। इसमें 10 क्यूसेक पानी मथुरा के लिए होगा।