- राप्ती के लगातार बढ़ने से नौसढ़ और आसपास के बांध पर दबाव नहीं हो रहा है कम

- कई गांव मैरुंड होने के बाद भी वॉटर लेवल नहीं जा रहा है नीचे

GORAKHPUR: बाढ़ से घिरे लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। कभी रोहिन के बढ़ने से लोगों की नींद उड़ जा रही है तो कभी राप्ती उनको परेशान कर रही है। मंगलवार को तीनों ही नदियों ने गोरखपुराइट्स को राहत दे दी। रोहिन, राप्ती, कुआनों का वॉटर लेवल अब नीचे आने लगा है, मगर घाघरा स्थिर हो गई है। इसके बाद भी राप्ती अभी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। जबकि, कुआनों डेंजर लेवल से नीचे आ चुकी है। रोहिन की बात करें तो इसमें दूसरे दिन भी गिरावट का सिलसिला जारी है, मगर नदी अब भी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है।

पानी घटा, लेकिन खतरा नहीं

रोहिन और राप्ती का पानी घटने से लोगों को काफी राहत मिली है। मगर इसके बाद भी बांध पर दबाव अब भी कम नहीं हुआ है। पानी घटने से कटान काफी तेज हो जाती है, जिसकी वजह से बांध के टूटने का खतरा अब भी बरकरार है। रोहिन नदी की बात की जाए तो इसके खतरे का निशान 82.44 मीटर पर है, लेकिन यह अभी 83.64 मीटर पर बह रही है। वहीं, राप्ती का डेंजर लेवल 74.98 है, जबकि यह 77.15 मीटर पर बह रही है। इसकी वजह से डोमिनगढ़ और आसपास के इलाकों के साथ ही नौसढ़ और आसपास के इलाकों में खतरा बना हुआ है।

14 और गांव में पहुंचा पानी

बाढ़ से तबाही का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान जहां पानी ने नए 14 गांव को अपनी आगोश में ले लिया, वहीं पहले से डूबे गांव में से 46 गांव मैरुंड हो गए। इस तरह अब तक जिले के कुल 503 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें 252 गांव मैरुंड हो चुके हैं। बाढ़ की वजह से अब तक तीन लाख 13 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

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कहीं गरजे, तो कहीं बरसे बदरा

एक तरफ बाढ़ का कहर लोगों को मुश्किलों में डाले हुए है, वहीं मंगलवार को खराब हुए मौसम के मिजाज ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। सुबह से ही बादल छाए हुए थे और करीब 11 बजे झमाझम बरसात शुरू हो गई। मगर गनीमत यह रही कि नौसढ़, रुस्तमपुर और इलाहीबाग में जहां पानी का दबाव सबसे ज्यादा है, वहां बारिश नहीं हुई। अगर ऐसा होता, तो बांध की हालत और खराब हो सकती थी, जिससे लोगों के साथ ही जिम्मेदारों की दुश्वारियां भी बढ़ना तय था।

चौरीचौरा पहुंचे डीएम

बाढ़ प्रभावित इलाकों में मंगलवार को डीएम राजीव रौतेला, एसएसपी के साथ दूसरे जिम्मेदार भी पहुंचे। चौरीचौरा पहुंचे डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व शिविरों में जाकर व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सीएमओ को ब्रहमपुर ब्लाक मुख्यालय व झंगहा राहत शिविर में तत्काल एक-एक एम्बुलेंस लगाने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम ने नेहरू इंटर कॉलेज अमहिया में बने राहत शिविर में जाकर बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात की और लोगों को वहां मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने डीपीआरओ को निर्देश दिया कि जनपद में जितने भी बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं, उसमें फॉगिंग व सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।