-शांत हुई स्वर्णरेखा और खरकई, टला खतरा

JAMSHEDPUR : दो दिन से उफना रही खरकई और स्वर्णरेखा अब शांत हैं। इससे न सिर्फ निचले इलाके, बल्कि शहर के लोगों के साथ प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। पिछले ख्ब् घंटे से बारिश का न होना और ओडि़शा के व्यांगबिल डैम का गेट बंद होने से दोनों नदियां अब डेंजर लेवल से नीचे बह रही हैं। इससे निचले इलाके के घरों में घुसा पानी भी अब निकलने लगा है। हालांकि जिला प्रशासन ने पिछले दो दिन के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अलर्ट जारी करने के साथ एनडीआरएफ और सेना की भी मदद मांगी थी। फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है।

व्यांगबिल बंद, चांडिल का एक-एक गेट खुलेगा

जमशेदपुर के निचले इलाकों में दो दिन खरकई के उफान से घरों में पानी भर गया था। वहीं स्वर्णरेखा भी डेंजर लेवल पर पहुंच कर डराने लगी थी। मगर बीते दो दिन से चांडिल डैम के सभी गेट बंद होने, बारिश नहीं होने के साथ ही ओडि़शा के व्यांगबिल डैम का सिर्फ एक गेट खुला होने से नदी का जलस्तर लगातार डाउन होता गया। वेडनसडे की रात से जहां स्वर्णरेखा अपने डेंजर लेवल से करीब तीन मीटर नीचे क्क्8.80 मीटर पर बह रही है, वहीं खरकई भी अपने डेंजर लेवल से नीचे आ गई है। जबकि मॉर्निग में स्वर्णरेखा डेंजर लेवल से करीब एक मीटर ऊपर क्ख्ख्.भ्0 मीटर पर बह रही थी। वहीं खरकई भी अपने डेंजर लेवल से करीब तीन मीटर ऊपर क्फ्ख्.म्ख्0 मीटर पर बह रही थी। दोनों नदियों का वाटर लेवल डाउन होने से निचले इलाके के घरों में घुसा पानी निकलने लगा है।

स्वर्णरेखा और खरकई दोनों नदियों का वाटर लेवल तेजी से डाउन हो रहा है। हालांकि, खरकई नदी अभी भी डेंजर लेवल के आसपास बह रही है, लेकिन निचले इलाकों से पानी निकलना शुरू हो गया है।

-आलोक कुमार, एसडीओ, धालभूमगढ़

कुछ यूं कम हुआ वाटर लेवल

नदी डेंजर प्वाइंट लेवल मॉर्निग 8 बजे लेवल इवनिंग 8 बजे

स्वर्णरेखा क्ख्क्.भ्0 मीटर क्ख्ख्.भ्0 मीटर क्क्8.80 मीटर

खरकइ क्ख्9 मीटर क्फ्ख्.म्ख्0 मीटर क्ख्8.97 मीटर

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आज से होगा ब्लीचिंग का छिड़काव

शहर के निचले इलाकों से वेडनसडे को बाढ़ का पानी उतरने लगा है। इससे निचले इलाके में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली। मगर दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ का पानी उतरते ही महामारी फैलने का चांस बढ़ जाता है। इसे देखते हुए आननफानन में जुगसलाई प्रभारी डॉ। पीएन तिवारी की अगुवाई में एक स्वास्थ्य टीम गठित कर दी गई। जो बाढ़ इफेक्टेड एरिया में कैंप लगाकर चेकअप करने के साथ बचाव की सलाह देगी। हालांकि जरूरत पड़ने पर शिविर और डॉक्टर्स की संख्या दोनों में इजाफा किया जाएगा। महामारी से निपटने के लिए जहां डॉक्टर्स की टीम चेकअप कर रही है, वहीं इन एरिया में ब्लीचिंग का छिड़काव भी कराया जाएगा, जिससे कि महामारी को फैलने से पहले रोका जा सके। बागबेड़ा विकास महानगर समिति के अध्यक्ष सुबोध झा ने कहा कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ आई है वह क्षेत्र पहले से ही डायरिया जोन रहे हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसमें लगातार दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है।

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कैंप में हुई म्फ् लोगों की जांच

बाढ़ इफेक्टेड एरिया में महामारी फैलने की आशंका को देखते हुए वेडनसडे को जुगसलाई प्रभारी डॉ। पीएन तिवारी की अगुवाई में बागबेड़ा स्थित नई बस्ती में मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में म्फ् लोगों की जांच की गई। इसमें वायरल फीवर, सिर दर्द, पैर में पानी लगने की बीमारियों से संबंधित अधिक मरीज मिले। डॉ। पीएन तिवारी ने कहा कि जैसे-जैसे पानी उतरेगा, वैसे-वैसे आवश्यक्ता के अनुसार कैंप की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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राहत शिविर में शौचालय की व्यवस्था नहीं

बागबेड़ा स्थित प्राइमरी स्कूल में करीब 70 से अधिक बाढ़ प्रभावित लोग ठहरे हुए हैं। मगर यहां पर शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुरुष, बच्चे तो जैसे-तैसे समस्या का समाधान कर रहे हैं, मगर महिलाओं को काफी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ रहा है। बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा ने कहा कि स्कूल का निर्माण वर्ष क्99ब् में हुआ था। इसके बावजूद अब तक शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है। इससे अभी बाढ़ पीडि़तों को प्रॉब्लम हो रही है और बाकी समय में स्कूल के बच्चों को होती है।

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बाढ़ में डूबा हैंडपंप, टैंकर से होगी सप्लाई

बाढ़ इफेक्टेड एरिया के सभी हैंडपंप पानी में डूब गए हैं। इससे लोगों को पानी के लिए काफी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स की टीम ने इन इलाके में रहने वाले लोगों से इस तरह के पानी का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। बागबेड़ा महानगर विकास समिति ने प्रशासन से टैंकर की मांग की है। जिससे कि इन इलाकों के लोगों को पानी की प्रॉब्लम को फेस न करना पड़े। साथ ही इस पानी को पीकर कोई बीमार न हो। प्रशासन ने थर्सडे से बाढ़ इफेक्टेड एरिया में पानी के टैंकर भेजने का फैसला लिया है।

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जिन क्षेत्रों में बाढ़ आई है वह क्षेत्र पहले से ही डायरिया जोन रहे हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसमें लगातार दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है।

-सुबोध झा,अध्यक्ष, बागबेड़ा विकास महानगर समिति

बाढ़ इफेक्टेड एरिया में विशेष ख्याल रखा जा रहा है। क्योंकि गंदगी के कारण संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए टीम को तैनात कर दिया गया है। इन एरिया में ख् बोरा ब्लीचिंग पाउडर भी दिया गया है।

-डॉ। श्याम कुमार झा, सिविल सर्जन, ईस्ट सिंहभूम